भोपाल। अपने समर्थकों को ज्यादा से ज्यादा पद देने के लिए भोपाल नगर निगम का विभाजन तय कर दिया गया है। इसी के साथ इंदौर की बात भी चली तो कमलनाथ सरकार के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ही सामने आकर खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि हम इंदौर को मेट्रोपोलिटन सिटी बना रहे हैं, इसका विभाजन नहीं होने दिया जाएगा।
मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने विरोध जताया है। उन्होंने कहा कि इंदौर शहर की ऐसी कोई मांग नहीं है। प्रदेश में इंदौर ही एकमात्र शहर है जो मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में विकसित हो रहा है और दो नगर निगम बनने के बाद मेट्रोपोलिटन सिटी के लिए केंद्र से मिलने वाली मदद बंद हो जाएंगी।वर्मा के इस बयान से इंदौर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटे जाने की मांग को धक्का लगा है।
यह मांग कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने पिछले दिनों की थी। उन्होंने इंदौर और जबलपुर नगर निगमों को भोपाल नगर निगम की तरह दो हिस्सों में बांटे जाने की मांग उठाई थी। इस पर नगरीय विकास मंत्री जयवर्धन सिंह ने ऐसी मांग आने पर विभाग द्वारा विचार किए जाने का बयान दिया था। गौरतलब है कि भोपाल नगर निगम को दो हिस्सों में बांटे जाने पर भाजपा पहले से ही विरोध कर रही है। भोपाल नगर निगम की बैठक में इसे दो हिस्सों में बांटे जाने का विरोध हुआ और यह प्रस्ताव खारिज हो गया।
भाजपा नेताओं का कहना था कि ये शहर इतने बड़े नहीं है कि इनमें दो नगर निगमों की जरूरत हो। कांग्रेस अपने हित के लिए ऐसा कर रही है। जबकि कांग्रेसी नेताओं का कहना था कि दो हिस्सों में बांटे जाने से ज्यादा वार्ड होंगे और विकास भी अधिक होगा।