IAS मीणा की मध्यप्रदेश में अनिश्चितकाल तक प्रतिनियुक्ति

जबलपुर। मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के आईएएस अफसर मोहनलाल मीणा अब अनिश्चितकाल तक मध्यप्रदेश में ही रहेंगे। उग्रवादी संगठनों द्वारा जान का खतरा होने के कारण CAT ने उन्हे मध्यप्रदेश में ही रहने के आदेश जारी किए हैं। जब तक केंद्र सरकार उनकी किसी दूसरी जगह नियुक्ति नहीं कर देती, वो मध्यप्रदेश में ही रहेंगे। बता दें कि मीणा की प्रतिनियुक्ति अवधि समाप्त हो रही थी लेकिन वो मणिपुर-त्रिपुरा कैडर में वापस जाना नहीं चाहते थे। 

मोहनलाल मीणा 2001 बैच के मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के IAS अफसर हैं। मणिपुर के उखरूल ज़िले मे कलेक्टर रहते हुए आंतकी संगठनों से जुड़े लोगों ने कलेक्टर बंगले में घुसकर उनके साथ मारपीट की थी। उसके बाद वो लगातार जान से मारने की धमकी दे रहे थे। जान पर ख़तरा देखते हुए 2010 में उन्हें मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेज दिया गया था।

CAT से राहत
मोहनलाल मीणा को जबलपुर स्थित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण से बड़ी राहत मिली है। मीणा की पदस्थापना की अवधि खत्म हो रही थी। उसके बाद उन्हें मणिपुर भेजा जाना था। इसके खिलाफ मीणा ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण CAT में याचिका दायर की थी। CAT ने मध्य प्रदेश से उनकी रिलीविंग पर रोक लगा दी है। साथ ही कैट ने आदेश दिए हैं कि जब तक केंद्र सरकार आईएएस मीणा की पदस्थापना ना करे तब तक मीणा प्रदेश में ही कार्य कर सकते हैं।

ये है मामला
मामला आतंकियों की धमकियों से जुड़ा हुआ है। मणिपुर त्रिपुरा कैडर के आईएएस अफसर मोहनलाल मीणा की जान को खतरा था। जिसके बाद डीओपीटी के निर्देश पर आईएएस मीणा की 2010 में मध्य प्रदेश में प्रतिनियुक्ति की गई। जान का खतरा बरकरार होने के कारण उनकी प्रतिनियुक्ति की अवधि लगातार बढ़ती गई। 21 जनवरी को भी मणिपुर की सीआईडी स्पेशल ब्रांच ने एक रिपोर्ट दी जिसमें बताया गया कि मोहनलाल मीणा की जान पर अभी भी ख़तरा है। आईबी की रिपोर्ट में भी इसकी पुष्टि हुई। इसके बावजूद 31 जनवरी 2019 को केंद्र ने मीणा को मध्य प्रदेश से रिलीव कर दिया। उसके बाद मीणा ने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की शरण ली.अधिकरण में मीणा की याचिका पर सुनवाई के बाद उनकी रिलीविंग पर रोक लगा दी गयी।

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