BHOPAL विभाजन और महपौर चुनाव के खिलाफ BJP के दिग्गज राज्यपाल से मिले, ज्ञापन सौंपा

भोपाल। राजधानी भोपाल में नगर निगम बंटवारे के विरोध में बीजेपी के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात की। उन्हें 16 लाख हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन सौंपा और अवैधानिक अधिसूचना निरस्त करने की मांग की।

भोपाल में दो नगर निगम बनाने का बीजेपी विरोध कर रही है। इसके लिए उसने प्रदेशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाया था। बीजेपी का दावा है कि कुल 16 लाख लोगों ने भोपाल के बंटवारे का विरोध किया। उन्हीं के हस्ताक्षर के साथ ज्ञापन लेकर बीजेपी नेता भोपाल में राजभवन पहुंचे और राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाक़ात की। प्रतिनिधि मंडल में प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के साथ कई नेता शामिल थे।

​अधिनसूचना निरस्त करने की मांग

प्रतिनिधि मंडल ने 16 लाख हस्ताक्षरों की लिस्ट राज्यपाल को सौंपी। नेताओं ने भोपाल के बंटवारे को लेकर जारी अधिसूचना निरस्त करने की मांग की। राकेश सिंह ने कहा वोट बैंक की राजनीति के लिए कांग्रेस बंटवारा कर रही है। अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली पर पुनर्विचार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बीजेपी महापौर चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से और निगम बंटवारा नहीं होने देगी। भाजपा इसके खिलाफ सड़को पर उतरने की योजना बना रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा हमने जनता की भावनाओं को राज्यपाल को बताया है। कांग्रेस सरकार निकाय चुनाव अप्रत्यक्ष कराने, भोपाल नगर निगम को धर्म के आधार पर दो हिस्सों में बांट रही है...यह हम होने नही देंगे।

आमना-सामना

बीजेपी प्रतिनिधि मंडल के पहुंचने से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और उनके बेटे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह राज्यपाल से मिलने पहुंचे। राजभवन में प्रतिनिधि मंडल का आमना-सामना उनसे हुआ। हालांकि राज्यपाल से इस मुलाकात को दिग्विजय सिंह और जयवर्धन ने दीपावली की सौजन्य भेंट बताया। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा अच्छी बात है दिग्विजय सिंह और विभाग के मंत्री जयवर्धन आए हैं, तो निगम बंटवारे का निपटारा राज्यपाल के सामने ही हो जाना चाहिए।

विधान परिषद गठन का विरोध

शिवराज सिंह चौहान ने कहा विधान परिषद का गठन नहीं होने देंगे। इसकी कोई जरूरत नहीं है। भारतीय जनता पार्टी इसका भी विरोध करेगी। विधान परिषद की आवश्यकता नहीं, ये फिजूलखर्ची है।

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