भोपाल। श्रीमती रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल ने दिनांक 23/09/2019 को पत्र जारी कर निर्देश दिये है कि शिक्षकों को पूर्णकालिक गैर शिक्षकीय कार्य में लगाने पर संबंधित शिक्षक का वेतन रोका जाना चाहिए।
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया है कि शिक्षक अपनी मर्जी से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं कर सकता है। तहसीलदार/एसडीएम(राजस्व)/कलेक्टर व विभागीय अधिकारी ही अपने आदेश से शिक्षकों को मर्जी के खिलाफ बालात् पदीय गरिमा के खिलाफ गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न करने में कोई झिझक महसूस नहीं करते है। ऐसे प्रकरणों में शिक्षकों का वेतन रोकना अन्याय है।
वेतन रोककर शिक्षकों से गैर शिक्षकीय कार्य लेने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए जो माननीय न्यायालय, आरटीई व वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अपने हिसाब से गलत व्याख्या करते हुए अपने असीमित अधिकारों की हनक में बेपरवाह होकर शिक्षकों को गैर शिक्षकीय कार्य में जोत देते हैं । थोड़ा बहुत कोई विरोध करता है तो स्पष्टीकरण व अनुशासनात्मक कार्रवाई के चक्कर में उसे तहसीलदार/एसडीएम/कलेक्टर कार्यालय के चक्कर काटने पर विवश कर देते हैं।
मजबूरी वश शिक्षक परिस्थितियों के वशीभूत गैर शिक्षकीय कार्य करने लगता है। श्रीमती रश्मि अरूण शमी प्रमुख सचिव मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग भोपाल से मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ मांग करता है कि जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए जवाबदार अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान हो ताकि बार-बार ऐसे आदेश जारी न करना पड़े। विडम्बना है कि मंत्रालय से जारी आदेश का धरातल पर पालन नहीं होता है उसे देखने वाला कोई नहीं है, क्योंकि आदेश का पालन करने करवाने वाले ही नाफरमानी करते हैं। यहां बागड़ खेत की रक्षा नहीं कर रही हैं, कार्रवाई शिक्षकों के बजाय अधिकारियों पर लक्षित होना ही न्याय संगत होगा।