नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली का लम्बी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। इसी के साथ भाजपा के उन नेताओं की श्रंखला भी खत्म हो गई जिन्होंने भाजपा को केंद्र में मजबूत स्थिति तक पहुंचाया था अब उस लिस्ट का एक भी नेता जीवित नहीं है।
अरुण जेटली 1973 में ही जयप्रकाश नारायण और राजनारायण द्वारा चलाए जा रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन में कूद गए थे। इसके बाद 1974 में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए। इमरजेंसी के दौरान वो 19 महीने तक जेल में रहे। जेल से निकलने के बाद 1977 में वे सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट में वकालत की तैयारी करने लगे और सक्रिय राजनीति से दूर हो गए। एक वकील होने के नाते वो भाजपा से जुड़े रहे।
1991 में उन्होंने विधिवत बीजेपी ज्वाइन की और 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में वे सूचना और प्रसारण मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। बाद में उन्होंने कानून, न्याय और कंपनी मामलों के मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला था। इसके बाद अरुण जेटली ने राजनीति में अपनी छाप छोड़ी। नरेंद्र मोदी की पहली सरकार में वे वित्त मंत्री और रक्षा मंत्री भी बने। हालांकि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वे स्वास्थ्य कारणों के चलते सक्रिय राजनीति से दूर हो गए।