नई दिल्ली। भारत में अन्धविश्वास दूर करने के लिए, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए ही सरकारें बच्चों को स्कूल भेजने पर जोर देती रही हैं | बच्चे तो जैसे-जैसे विज्ञान सम्मत पाठ्यक्रम को पढ़ कर अंध विश्वास से दूर हो रहे हैं हमारे नेता उन्हें विपरीत दिशा दिखा रहे हैं | भाजपा की भोपाल से निर्वाचित सांसद का ताजा बयान कुछ ऐसा ही है |
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के निधन पर आयोजित शोक सभा में सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि “हाल ही में हुई मौतों के पीछे विपक्ष का हाथ है, वह भाजपा के नेताओं पर तांत्रिक क्रिया कर रहा है|” काग्रेस को आलोचना करनी ही थी, उसने की | वर्तमान युग में वैज्ञानिक और तार्किक सोच रखने वाला हर व्यक्ति ऐसे व्यक्तव्य और क्रियाओं से दूर ही रहना चाहेगा | इसके विपरीत आलोचना करने वाली कांग्रेस भी कहाँ, ऐसे करतबों से मुक्त है | इन्हीं प्रज्ञा ठाकुर को चुनाव हराने के लिए उनके प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में उनकी ओर से “मिर्ची यग्य” किया गया था |
यग्य के सूत्रधार ने यग्य के वांछित परिणाम न आने पर जल समाधि की घोषणा भी की थी | भारी हार के बाद यग्य के सूत्रधार जल समाधि का आवेदन दे कर नदारद है, यजमान को यह विषय उठने पर पहलू बदलना पड़ता है | भाजपा के हाथ में अपने सांसद को नसीहत देने के अलावा कुछ है भी नहीं | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत के बाद और किसी की नसीहत का क्या अर्थ ?
कल प्रदेश भाजपा कार्यालय में पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली और मप्र के पूर्व सीएम बाबू लाल गौर की श्रद्धांजलि सभा थी|उसमें अपने उद्गार व्यक्त करते हुए सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि- भाजपा के जिन वरिष्ठ नेताओं का पिछले दिनों निधन हुआ, उसके पीछे विपक्ष का हाथ है। भाजपा को नुकसान पहुंचाने के लिए विपक्ष "मारण शक्ति' (तांत्रिक क्रिया) का प्रयोग कर रहा है।
भाजपा सांसद ने कहा- बड़ा कठिन समय चल रहा है। जब मैं लोकसभा चुनाव लड़ रही थी, उस समय एक महाराज जी मेरे पास आए थे। उन्होंने कहा कि आप अपनी साधना को कम मत करना। साधना का समय बढ़ाते रहना। बहुत बुरा समय है, विपक्ष एक ऐसा कार्य कर रहा है, ऐसी मारण शक्ति का प्रयोग कर रहा है, जिससे भाजपा को नुकसान हो। निश्चित रूप से भाजपा के कर्मठ, योग्य और ऐसे लोगों पर असर करेगा, जो भाजपा को संभालते हैं। उल्लेखनीय है कि स्व. अरुण जेटली, श्रीमती सुषमा स्वराज और स्व. बाबूलाल गौर की रुग्णता जग जाहिर थी |
इस सभा में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह, सांसद प्रभात झा, कैलाश विजयवर्गीय, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद थे। तब किसी ने न तो रोका न टोका | बाद में प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए। सवाल यह है कि कैसे देखें? चश्मा वैज्ञानिक उपकरण है, और दोनों पक्षों की दृष्टि राजनीतिक| शाप, अभिशाप, मिर्ची यग्य इनकी कोई प्रमाणिकता है? शास्त्रों में वर्णन जिस काल है, तब सदाचार मूल तत्व होता था| सबकी अपनी अपनी श्रद्धा है, विश्वास है| निवेदन इतना है कि इसे समाज में मत फैलाइए, गलत संदेश जाते हैं | गलत परिणाम आते हैं |
सबको मालूम है लोकसभा चुनाव के दौरान भी प्रज्ञा ठाकुर ने मुंबई एटीएस के पूर्व प्रमुख हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया था। तब प्रज्ञा ठकुर ने कहा था- करकरे ने मुझे प्रताड़ित किया था और मैंने करकरे को श्राप दिया था इसलिए आतंकवादियों ने उन्हें मार दिया। हालांकि, बाद में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि अगर किसी को उनके बयान से चोट पहुंची है तो वे माफी मांगती हैं। ऐसी माफ़ी तलाफी का बाद में कोई मतलब नहीं होता |
ऐसी बातें करना और मिर्ची यग्य जैसे मतलब परस्त आयोजनों को समर्थन देना लगभग एक ही बात है | इनसे बचने और समाज में स्वस्थ, वैज्ञानिक और तर्क संगत सोच के निर्माण की अपेक्षा इन दिनों समाज की जरूरत है |
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श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।