इंदौर। बैटमार विधायक आकाश विजयवर्गीय ने जिस मकान को बचाने के लिए नगर निगम अधिकारी पर 'बल्ला' चलाया था, उसे 3 दिन बाद गिराया जा सकता है। हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं कि उस मकान में रह रहे किराएदारों को 2 दिन में किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करें और उसके बाद कार्रवाई करें।
याचिका इसी मकान में रहने वाले किराएदारों ने लगाई थी। कोर्ट ने किराएदारों को पीएम आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध कराने के निर्देश देते हुए कहा कि किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं है। उल्लेखनीय है कि इस मामले में याचिकाकर्ता का कहना है कि खतरनाक मकानों की सूची में शामिल नहीं होने के बावजूद कार्रवाई की जा रही है। निजी इंजीनियर की रिपोर्ट पर कार्रवाई की जा रही है। इधर निगम का कहना है कि प्रक्रिया का पालन करते हुए कार्रवाई की जा रही है।
गंजी कम्पाउंड स्थित मकान नंबर 52-53 को जर्जर बताकर नगर निगम की टीम 26 जून को तोड़ने पहुंची थी। इस बीच विवादित मकान में किराए से रह रहे भेरूलाल जोशी ने पूर्व उप महाधिवक्ता पुष्यमित्र भार्गव के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। सोमवार को जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव की बेंच में इस पर सुनवाई हुई थी।
याचिका में कहा है कि याचिकाकर्ता 40 साल से उक्त मकान में किराएदार हैं। निजी इंजीनियरों से मिली रिपोर्ट के आधार पर निगम कार्रवाई कर रहा है। इस पर तुरंत स्टे दिया जाए। इधर, नगर निगम की तरफ से एडवोकेट ऋषि तिवारी ने तर्क रखा कि मकान जर्जर है। दो साल में 20 से ज्यादा नोटिस जारी किए गए।