भोपाल। सीएम हेल्पलाइन पर शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मचारियों/शिक्षकों को अपनी वाजिब शिकायतों को दर्ज कराने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का फरमान जेडी लोक शिक्षण संभाग उज्जैन ने 02 जुलाई को जारी किया है। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि जेडी लोक शिक्षणसंभाग उज्जैन का पत्र तुगलकी फरमान है।
कर्मचारियों/शिक्षकों की लंबित समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करवाने के बजाय अधिकारियों से गुहार व सुनवाई न होने पर पुनः उच्च अधिकारियों से गुहार जिसकी कोई सुनवाई नहीं होती है। अधिकारी सी एम हेल्पलाइन पर दर्ज शिकायतें जो लेवल चार तक पहुँच जाती है उनका भी निराकरण करने के बजाय गोलमाल जवाब देकर शिकायत को निराकृत बताने का कुत्सित प्रयास करते रहते है। प्रदेश व संभाग में हजारों प्रकरण जिनमें नियुक्ति दिनांक से नियमित वेतनमान, तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान के बकाया आदेश, तृतीय क्रमोन्नति वेतनमान में योग्यता का पेंच जानबूझकर व जारी आदेशों पर कार्रवाई मंथर गति से, बकाया देय एरियर, वेतननिर्धाण कोषलेखा में लंबित व एक तारीख को वेतन न मिलना ये प्रकरण भ्रष्टाचार की प्रत्याशा में जानबूझ कर लंबित रखे गये है जो सभी अधिकारियों के संरक्षण व जानकारी में है।
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का प्रावधान तो ऐसा ही है "मारो भी सही और रोने भी मत दो"। ऐसे तुगलकी आदेश का मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ भर्त्सना करते हुए विरोध प्रकट करता है। जेडी लोक शिक्षण संभाग उज्जैन तत्काल उक्त समस्याओं का निराकरण कर कर्मचारियों एवं शिक्षकों को राहत दिलवाये नहीं तो आने वाले समय में उक्त प्रकरणों को लेकर मप्र तृतीय वर्ग शास कर्म संघ की खुली चेतावनी है कि आंदोलन के रूप में सी एम हेल्पलाइन पर शिकायतों का अंबार लगाया जावेगा इसके लिए विभागीय आला अधिकारी ही जवाबदार होंगे।