नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 का मतदान पूर्ण नहीं हुआ है परंतु कांग्रेस ने गैर भाजपाई सरकार बनाने के लिए कसरत शुरू कर दी है। यूपीए से बाहर चल रहीं पार्टियों से बातचीत का जिम्मा मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ को सौंपा गया है। बिहार में नीतिश कुमार पर डोरे डालना शुरू कर दिया गया है। यहां तक कहा गया है कि वो सभी दलों से समर्थन जुटाकर पीएम बन जाएं। कांग्रेस भी समर्थन कर देगी।
पीएम कोई भी बने कांग्रेस को आपत्ति नहीं
पटना में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने अपनी पार्टी का रुख साफ करते हुए कहा है कि 23 मई को नतीजों के बाद यदि कांग्रेस के पक्ष में आम सहमति बनती है तो वह केंद्र में अगली सरकार का नेतृत्व करेगी लेकिन, यदि एंटी एनडीए सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के पक्ष में सर्वसम्मति नहीं बनती तो हम यह मुद्दा नहीं बनाने जा रहे हैं कि पार्टी किसी और को प्रधानमंत्री नहीं बनने देगी।
भाजपा के अलावा एनडीए की शेष पार्टियां मिलकर सरकार बना लें, हम तैयार हैं
गुलाम नबी आजाद ने यहां बुधवार को कहा कि हमारा शुरू से लक्ष्य रहा है कि केंद्र में एनडीए सरकार नहीं आनी चाहिए। सर्वसम्मति से जो भी निर्णय आएगा, कांग्रेस उसके साथ रहेगी। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में भाजपा या राजग की सरकार नहीं बनेगी। भाजपा को कम सीटें भी मिलीं तो राजग में शामिल कई दल भी दिल्ली में गैर भाजपा सरकार बनवा सकते हैं। राजग में कई ऐसे दल हैं, जिनकी विचारधारा भाजपा से नहीं मिलती है। सत्ता पाने या किसी मजबूरी के कारण वे उनके साथ हैं। शायद इसमें नीतीश भी हो सकते हैं।
नेता जब गालियां देने लगे तो समझो हवा निकल गई
इससे पहले उन्होंने गोरखपुर में कहा था कि इस बार देश में परिवर्तन होगा। भाजपा की सरकार केंद्र में नहीं आएगी। पूरे देश व प्रदेश में भाजपा हार रही है। केंद्र में इस दफा गैरभाजपा सरकार बनेगी। उत्तर प्रदेश में पिछले चुनाव में भाजपा को 73 सीटें मिली थीं, इस बार 10-15 सीट पर भाजपा उत्तर प्रदेश में सिमट जाएगी। चौकीदार ढीला पड़ गया है, जब कोई नेता गालियां देने लगे तो समझ लेना चाहिए कि उसकी हवा निकल गई है।