भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य बीच प्रमाणीकरण संस्था के सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी पवन सिंह सिसौदिया के खिलाफ दहेज प्रताड़ना एवं अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि अधिकारी ने कोर्ट को गुमराह करते हुए अपनी पत्नी से फर्जी तलाक ले लिया और दूसरी शादी कर ली। कोर्ट को जब इसका पता चला तो कोर्ट ने तलाक की डिक्री हाईकोर्ट ने निरस्त कर दी है। उदयपुर, राजस्थान पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर अधिकारी समेत छह आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है।
उदयपुर, राजस्थान निवासी निधि सिंह की शादी भरत नगर, भोपाल निवासी पवन सिंह सिसोदिया से हुई थी। पवन मूलत: कोतवाली सीहोर के रहने वाले हैं। वे उज्जैन में सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। निधि के पिता राजेंद्र सिंह राठौर ने बताया कि शादी के बाद पति, ससुर ईश्वर सिंह, सास सुशीला सिंह, ननद प्रीति सिंह, देवर राजवर्धन सिंह और मामा ससुर अनिल सिंह चौहान द्वारा निधि को दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा था। वे दबाव बनाते थे कि मायके से 10 लाख रुपए लेकर आए। पवन सिंह द्वारा शराब पीकर निधि से मारपीट की जाने लगी थी। ससुराल पक्ष की प्रताड़ना से परेशान होकर निधि शादी के 14 दिन बाद मायके वापस आ गई थी।
इस बीच पवन सिंह ने राजधानी की अदालत में तलाक के लिए परिवाद प्रस्तुत कर दिया। उसने निधि के घर का फर्जी पता कोर्ट में प्रस्तुत कर समाचार पत्र में भी विज्ञापन प्रकाशित करा लिया था। निधि के कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर जज ने दिसंबर 2015 में पवन के पक्ष में तलाक की डिक्री पारित कर दी थी। राजेंद्र सिंह का कहना है कि कोर्ट को गुमराह कर पवन ने तलाक लेने के बाद दूसरी शादी कर ली। जब निधि को तलाक पता चला तो हाईकोर्ट, जबलपुर में अपील की थी। हाईकोर्ट ने तीन महीने पहले तलाक की डिक्री निरस्त कर दी है। जिसकी सुनवाई अब भोपाल कोर्ट में चल रही है।