भोपाल। भाजपा प्रत्याशी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के साथ अच्छी और बुरी खबरों का सिलसिला लगातार जारी है। इधर एग्जिट पोल ने प्रज्ञा ठाकुर की जीत की संभावनाएं जताईं तो कमलनाथ सरकार ने सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल बुलवा ली। इस मामले में प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक आरोपी थीं लेकिन बाद में फाइनल बंद कर दी गई थी। तब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी।
कमलनाथ सरकार के कानूनी विभाग ने देवास के जिला कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है। इस रिपोर्ट में पूछा गया कि आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी की हत्या में प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज किया गया? जबकि पीड़िता ने इसकी शिकायत की थी। जोशी की हत्या दिसंबर 2007 में देवास में हुई थी।
फिर से खोली जाएगी जोशी हत्याकांड की फाइल
इससे पहले कमलनाथ सरकार में मंत्री पीसी शर्मा ने कहा था कि सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल फिर से खोली जाएगी। इसमें प्रज्ञा सिंह ठाकुर की भूमिका की जांच होगी। उन्होंने कहा था कि मैं प्रज्ञा को साध्वी भी नहीं कहूंगा, क्योंकि उन्होंने गांधीजी के हत्यारे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही कहा है।
2007 में हुई थी हत्या, 2009 में केस हुआ था बंद
आरएसएस के प्रचारक रहे सुनील जोशी 29 दिसंबर, 2007 को देवास में मारे गए थे। उनका नाम मक्का मस्जिद, समझौता और मालेगांव विस्फोट मामलों में लिया गया था। इस केस में देवास पुलिस ने प्रज्ञा ठाकुर और दूसरे लोगों को 23 अक्टूबर, 2008 को गिरफ्तार किया था। बाद में देवास एसपी के आदेश पर 25 मार्च, 2009 को ये केस बंद कर दिया गया।