भोपाल। कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने दावा किया है कि उन्होेंने 'ऑपरेशन खुशहाल नौनिहाल' चलाकर संभाग से अब तक 500 बच्चों को मुक्त कराया है। अकेले भोपाल शहर से ही 200 बच्चों को मुक्त कराया गया है। 16 महिलाओं को हिरासत में लिया गया है। इन बच्चों से भीख मंगवाई जाती थी और ड्रग्स की तस्करी करवाई जातीथी।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल ह्यूमन ट्रेफिकिंग का गढ़ बन गया है। दूसरे राज्यों से बच्चों को लाकर यहां पर भीख मंगवाई जाती है। बच्चों के साथ मौजूद लोग खुद को बच्चों के परिजन बताते हैं। ह्यूमन ट्रेफिकिंग से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश करने और बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए भोपाल संभाग की कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने ऑपरेश खुशहाल नौनिहाल प्लान किया।
इसी ऑपरेशन के तहत जिला प्रशासन, महिला बाल विकास, चाइल्ड लाइन और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम बनाई गई है। टीम ने संयुक्त छापेमार कार्रवाई करते हुए बीते कुछ दिनों में संभाग से पांच सौ बच्चों को रिकवर किया है। भोपाल से दो सौ बच्चों को छुड्वाया गया है। इन बच्चों से भीख मंगवाने का काम कराया जा रहा था। अब सभी बच्चों और उनके साथ मौजूद लोगों को सरकारी हॉस्टल में रखा गया है।
ऐसे संचालित हो रहा गिरोह
-भीख मंगवाने के लिए दूसरे राज्यों से बच्चों को लगाया जा रहा
-निश्चित समय अवधि के लिए एक जगह पर बच्चों को रखा जाता-भीख मंगवाने के साथ बच्चों से मादक पदार्थों की तस्करी भी कराई जाती
-बच्चे के साथ एक महिला और एक पुरूष को रखा जाता
-बच्चों के साथ मौजूद लोग खुद को बच्चे के परिजन बताते
छापेमार कार्रवाई के दौरान महिला गैंग से जुड़ी 16 सदस्यों को पकड़ा है। इस गैंग के पीछे हैदराबाद समेत दूसरे राज्यों के लोग जुड़े हैं। सूत्रों ने बताया कि गैंग बच्चों को भीख मंगवाने और ड्रग्स की सप्लाई के लिए इस्तेमाल कर रही थी। ये छापेमार कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। इन बच्चों के साथ मौजूद लोग खुद को बच्चों का परिजन बता रहे हैं लेकिन हैरत की बात यह है कि इन लोगों के पास बच्चों से या फिर खुद से जुड़े दस्तावेज नहीं है। ऐसे में अब प्रशासन आगे की कार्रवाई करते हुए बच्चों और उनके साथ मौजूद लोगों का डीएनए टेस्ट कराएगी।