भोपाल। गुना शिवपुरी लोकसभा सीट के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो गया है। भाजपा ने यहां से दलबदलू नेता केपी यादव को टिकट दिया था। भाजपा कार्यकर्ता भी इससे नाराज थे परंतु महत्वपूर्ण पदों पर बैठे नेताओं ने औपचारिकता जरूर निभाई परंतु शिवपुरी विधायक यशोधरा राजे ने औपचारिकता भी नहीं निभाई। अपनी विधानसभा में उन्होंने एक भी दिन भाजपा का प्रचार नहीं किया। बताने की जरूरत नहीं कि यशोधरा राजे, कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया की बुआ हैं। बुआ भतीजे के बीच संपत्ति विवाद चल रहा था पंरतु कहा जा रहा है कि अब वो हल हो गया है। उन्होंने ग्वालियर लोकसभा सीट पर भाजपा के लिए प्रचार किया परंतु शिवपुरी नहीं आईं।
गुना शिवपुरी में भाजपा कार्यकर्ता निराश
अमित शाह ने सिंधिया से यह सीट छीन लेने का ऐलान किया था अत: भाजपा कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि इस बार जयभान सिंह पवैया से भी दमदार प्रत्याशी आएगा जो ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीधी चुनौती दे सकेगा परंतु भाजपा ने सिंधिया से बगावत करके हाल ही में भाजपा में आए केपी यादव को टिकट दे दिया। स्थिति यह थी कि टिकट मिलने तक केपी यादव को पूरी लोकसभा की भौगोलिक जानकारी तक नहीं थी। पार्टी के इस फैसले से निराश होकर ज्यादातर कार्यकर्ता घर बैठ गए परंतु पदाधिकारियों ने कम से कम औपचारिकताएं तो निभाईं।
शिवराज सिंह ने सिंधिया से दोस्ती निभाई
बताया जा रहा है कि केपी यादव का टिकट पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फाइनल करवाया है। विधानसभा चुनाव तक शिवराज सिंह 'माफ करो महाराज' बोल रहे थे परंतु चुनाव बाद परिस्थितियां तेजी से बदलीं। कमलनाथ के शपथग्रहण समारोह में सिंधिया और शिवराज प्रेमपूर्वक बातें करते नजर आए। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद शिवराज सिंह चौहान के घर गए। दोनों के बीच गोपनीय बातचीत हुई। माना जा रहा है कि इसी दौरान केपी यादव का टिकट फाइनल हो गया था।
दिखाने के लिए स्टार प्रचारकों की सभाएं हुईं
गुना शिवपुरी लोकसभा सीट पर भाजपा ने आधिकारिक तौर पर अपनी ताकत दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यहां करीब आधा दर्जन स्टार प्रचारकों की सभाएं हुईं पंरतु बड़ा सवाल यह है कि राष्ट्र के नाम पर दलबदलू को सांसद कैसे बनाएं। ज्योतिरादित्य सिंधिया और केपी यादव के बीच कोई तुलना ही नहीं हो सकती।
यशोधरा राजे चूक कर गईं
इस चुनाव में भाजपा के ज्यादातर पदाधिकारी औपचारिकताएं निभाते नजर आए परंतु यशोधरा राजे चूक कर गईं। उन्होंने औपचारिकता भी नहीं निभाई। अब यशोधरा राजे विरोधी भाजपा की हार का ठीकरा उनके सिर पर फोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। चुनाव प्रचार खत्म होते ही पूर्व विधायक नरेंद्र बिरथरे ने बयान भी जारी कर दिया।