इंदौर। सांवेर विधानसभा क्षेत्र के पालिया गांव में रविवार को हुई भाजपा कार्यकर्ता नेमीचंद तंवर की हत्या के मामले में एक बार फिर भाजपा की किरकिरी हो गई। इस हत्याकांड पर भाजपा आगबबूला हो रही थी। दावा किया जा रहा था कि हत्या का आरोपी मंत्री तुलसी सिलावट का नजदीकी कांग्रेस नेता है परंतु मंत्री सिलावट ने एक फोटो जारी करते हुए बताया कि कांग्रेसी नहीं बल्कि भाजपा का नेता है और लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी का प्रचार कर रहा था।
आरोपी ने लोकसभा चुनाव में भाजपा का प्रचार किया है
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के आरोपों पर पलटवार करते हुए स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा है कि शिवराज को बयान देने से पहले वायरल हो रहे फोटो तो देख लेने चाहिए थे। शिवराज और भाजपा वाले हत्या जैसी दुःखद घटना पर भी राजनीति लाभ लेने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों की ऐसी आदत नहीं, लेकिन इन्होंने आरोप लगाया है तो जवाब देना पड़ रहा है कि आरोपी कांग्रेस नहीं, भाजपा से जुड़ा है और पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा के ही प्रत्याशी शंकर लालवानी का प्रचार करता रहा।
घटना के पीछे किसी तरह का राजनीतिक विवाद नहीं
दोपहर में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रेस वार्ता में कांग्रेस और स्वास्थ्य मंत्री पर आरोप लगाया था। शाम को स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने भी पत्रकारों से चर्चा में कहा कि घटना दुःखद है और मेरी संवेदना मृतक के परिवार के प्रति है। पहली तो बात तो यह है कि घटना के पीछे किसी तरह का राजनीतिक विवाद नहीं है। दूसरा गोली चलाने का आरोपी पंकज शर्मा न तो मेरा समर्थक है, न ही कांग्रेस से जुड़ा है। उलटे वह तो मेरा विरोधी और भाजपा का पदाधिकारी बताया जा रहा है। लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी के साथ लगातार प्रचार और जनसंपर्क करवाता रहा।
राजनीतिक चश्मे से देखें तो यह भाजपा की गुटबाजी है
ऐसे में अगर राजनीतिक चश्मे से देखे तो घटना में शामिल दोनों पक्ष भाजपा से जुड़े हैं। पूर्व मुख्यमंत्री यदि इसे राजनीतिक हत्या बता रहे हैं तो फिर यह भाजपा के दो गुटों में वर्चस्व को लेकर हुई विवाद होना चाहिए। सिलावट ने कहा कि हम हिंसा और किसी जान पर राजनीति नहीं करते।
भाजपा नेताओं ने क्या कहा था
प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा था कि वो एक आम आदमी था। भाजपा को वोट देने के कारण उसकी हत्या की गई।
सीएम शिवराज सिंह ने इसे राजनीतिक हत्या बताया था और मंत्री तुलसी सिलावट को इसके लिए जिम्मेदार बताया था।
मंत्री तुलसी सिलावट ने शिवराज सिहं को मानहानि का नोटिस देने का बयान दिया था।