कांग्रेस : बसपा समर्थन तो मुगालता है | EDITORIAL by Rakesh Dubey

कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व को दीवार पर लिखी इबारत नजर न आना एक बड़े मुगालते से कम नहीं है | मायावती ने कांग्रेस को अपने रवैये में परिवर्तन की अंतिम चेतावनी दे डाली है | २३ मई आने वाले नतीजे मध्यप्रदेश में कांग्रेस सरकार के बहुमत की नींव के आधार स्तम्भ बसपा को खिसका सकते हैं | कांग्रेस ने इस  लोकसभा चुनाव में बसपा को करारी चोट दी है | इसके बाद मायावती का बौखलाना स्वभाविक है |ऐन चुनाव के समय कांग्रेस ने गुना –शिवपुरी संसदीय क्षेत्र से ज्योतिरादित्य सिंधिया  के ख़िलाफ़ खड़े बसपा उम्मीदवार लोकेंद्र सिंह राजपूत  को तोडकर कांग्रेस में शामिल कर लिया| यह चोट करारी ही  नहीं, बल्कि मायावती की बसपा में जारी हुकुमत को खुली चुनौती थी |

इसी के चलते बसपा सुप्रीमो मायावती ने कमलनाथ को जारी समर्थन पर फिर से विचार करने की धमकी दी है|  मायावती  ने ट्वीट कर कहा, सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग के मामले में भाजपा से एक घर आगे है |मायावती ने यहाँ तक कहा है कि उनके  गुना लोकसभा सीट परलड़ रहे  उम्मीदवार को कांग्रेस ने डरा-धमकाकर जबर्दस्ती बैठा दिया है, किन्तु बीएसपी अपने सिम्बल पर ही लड़कर इसका जवाब देगी व अब कांग्रेस सरकार को समर्थन जारी रखने पर भी पुनर्विचार करेगी'|मायवती यही नहीं रुकी, दूसरे ट्वीट में मायावती  ने कहा कि, , यूपी में कांग्रेसी नेताओं का यह प्रचार कि भाजपा भले ही जीत जाए किन्तु बसपा-सपा गठबंधन को नहीं जीतना चाहिए, यह कांग्रेस पार्टी के जातिवादी, संकीर्ण व दोगले चरित्र को दर्शाता है|

मायावती और कांग्रेस के बीच तनाव अब चरम पर पहुंचता दिख रहा है| दरअसल उत्तर प्रदेश में महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल न करने के पीछे मायावती का बड़ा हाथ रहा है| मध्यप्रदेश विधानसभा सभा चुनाव में बसपा के साथ टिकट बंटवारे से मायावती पहले ही नाराज है | अब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की टीम उ प्र के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में  है| प्रियंका टीम के नेताओं का कहना है कि पार्टी अब उत्तर प्रदेश में अपने बूते खड़े होने का फैसला कर चुकी है इसके लिए पार्टी दलितों को लुभाना चाहती है| यह सही है कि दलित कभी कांग्रेस का कोर वोट बैंक हुआ करते  थे, लेकिन बसपा  के उदय होने के बाद से पार्टी से दलितों ने किनारा कर लिया| उत्तर प्रदेश में दलितों के नए नेता के तौर पर उभर रहे चंद्रशेखर आजाद से भी प्रियंका गांधी का मिलना मायावती को नागवार गुजरा | चंद्रशेखर आजाद को मायावती भाजपा का एजेंट बताती हैं|

मध्यप्रदेश में जहां विधानसभा में बसपा कमलानाथ सरकार को समर्थन कर रही है, उसके साथ  लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बसपा सीटों की उनकी मांग को अनसुना कर दिया था| अब उम्मीदवार को तोड़ लिया |   यही हाल राजस्थान का भी है| इससे से इतर कांग्रेस का मानना है कि इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में जितनी ही सीटें मिल जाएं वहीं बहुत हैं| पार्टी दलित और सवर्णों को अपने पाले में कर उ प्र  राज्य के विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रही है| आने वाले दौर में कांग्रेस और बसपा के बीच दलित वोटरों को लेकर राजनीति और तेज सकती है| इसका सीधा प्रभाव मध्यप्रदेश की सरकार पर होगा यह साफ़ दिखता है |
देश और मध्यप्रदेश की बड़ी खबरें MOBILE APP DOWNLOAD करने के लिए (यहां क्लिक करेंया फिर प्ले स्टोर में सर्च करें bhopalsamachar.com
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क  9425022703        
rakeshdubeyrsa@gmail.com
पूर्व में प्रकाशित लेख पढ़ने के लिए यहां क्लिक कीजिए
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !