नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अयोध्या की विवादित भूमि पर पूजा करने की याचिका को अस्वीकार किया। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि आप लोग इस देश को शांति से नहीं रहने देंगे। कोई न कोई हमेशा उकसाता रहता है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता पर 5 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। सुप्रीम कोर्ट ने उस जुर्माने को भी हटाने से इनकार किया।
मध्यस्थ समिति पर विवाद सुलझाने का जिम्मा
राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद पर बातचीत से हल निकालने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने तीन सदस्यीय पैनल बनाई है। इसमें जस्टिस फकीर मुहम्मद खलीफुल्ला, आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर और वरिष्ठ वकील श्रीराम शामिल हैं। यह पैनल हिंदू और मुस्लिम पक्षकारों से बातचीत के जरिए विवाद का हल निकालने की कोशिश करेगा। पैनल को मध्यस्थता की प्रक्रिया पूरी करने के लिए आठ सप्ताह का समय मिला है।
'पूरी प्रक्रिया गोपनीय होगी'
चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के आदेश अनुसार मध्यस्थता प्रक्रिया कोर्ट की निगरानी में होगी। इसे गोपनीय रखा जाएगा। जरूरत पड़ने पर मध्यस्थ और लोगों को पैनल में शामिल कर सकते हैं। वे कानूनी सहायता भी ले सकते हैं। मध्यस्थों को उत्तरप्रदेश सरकार फैजाबाद में सारी सुविधाएं मुहैया कराएगी।