सुधींद्र हेब्‍बार: वो​ट देने के लिए ऑस्‍ट्रेलिया की नौकरी छोड़कर आ गया | NATIONAL NEWS

मेंगलुरु। भारत में मतदान के दिन अनिवार्य अवकाश होता है परंतु विदेशों में रह रहे भारतीय नागरिकों को यह सुविधा नहीं मिलती। उन्हे मतदान के लिए अवकाश नहीं दिया जाता। इसी समस्या के चलते सुधींद्र हेब्‍बार को अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी, क्योंकि उसके नियोक्ता ने उसे मतदान के लिए अवकाश देने से इंकार कर दिया था। यह एक बड़ा मुद्दा है, दुनिया भर की सरकारों को चाहिए कि वो इस बारे में एक पॉलिसी निर्धारित करें। 

सुधींद्र हेब्‍बार (41) नामका यह युवक सिडनी एयरपोर्ट पर स्‍क्रीनिंग ऑफिसर के तौर पर काम कर रहा था लेकिन जब उसने देखा कि उसे मतदान की तारीख पर छुट्टी नहीं मिल पाएगी तो उसने अपनी नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया। सुरथकल के रहने वाले सुधींद्र ने बताया, 'मुझे 5 अप्रैल से 12 अप्रैल तक की छुट्टी मिली थी। मैं इस छुट्टी को और नहीं बढ़ा सकता था क्‍योंकि आने वाले दिनों में ईस्‍टर और रमजान की वजह से एयरपोर्ट पर भारी भीड़ होने वाली थी। मैं किसी भी हालत में वोट करना चाहता था। इसलिए मैंने इस्‍तीफा देकर घर वापस लौटने का फैसला किया।' 

बॉर्डर पर नहीं जा सकता, लेकिन वोट तो दे सकता हूं

सुधींद्र एमबीए कर चुके हैं। सुधींद्र का कहना है कि मैं सीमा पर जाकर अपने देश की रक्षा तो नहीं कर सकता लेकिन वोट डालकर एक वोटर के फर्ज को तो निभा सकता हूं।' नौकरी के बारे में पूछने पर वह कहते है, 'मैं ऑस्‍ट्रेलिया में परमानेंट रेजिडेंट कार्ड होल्‍डर हूं। मेरी पत्‍नी फिजी-ऑस्‍ट्रेलियन हैं। मैं पहले भी सिडनी में रेलवे के साथ काम कर चका हूं। इसलिए मुझे नहीं लगता कि दूसरी नौकरी खोजने में कोई दिक्‍कत आएगी। इस तरह सुधींद्र ने सोच लिया है कि वह 23 मई को चुनावी नतीजे आने तक भारत में रहेंगे। फिर इसके बाद वह दूसरी नौकरी की तलाश करने वापस ऑस्‍ट्रेलिया चले जाएंगे। 

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