BHOPAL NEWS: Dr. JAGDISH भष्टाचार का दोष प्रमाणित, 3 साल की जेल | MP NEWS

भोपाल। जेपी अस्पताल ( JP HOSPITAL ) के मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर जगदीश सूर्यवंशी ( Dr Jagdish Suryavanshi, Medical Officer JP Hospital) को लोकायुक्त पुलिस ने 2000 रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। यह कार्रवाई शिवाजी नगर स्थित उनके निवास पर की गई थी। डॉक्टर ने नगर निगम के एक सुपरवाइजर को तीन महीने का अनफिट सर्टिफिकेट देने के एवज में सुरक्षा गार्ड के जरिए रिश्वत मांगी थी। विशेष न्यायाधीश ( लोकायुक्त संगठन) संजीव पाण्डेय SAMJEEV PANDE की अदालत ने डॉक्टर जगदीश सूर्यवंशी 4 साल की जेल और 10 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अदालत ने मामले के सहआरोपी गार्ड संतोष निरापुरे को तीन साल की जेल और 5 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। 

कोलार क्षेत्र में रहने वाले 58 वर्षीय श्रीधर ताड़गे ( Sridhar Tadge ) नगर निगम की विद्युत शाखा में सुपरवाइजर हैं। लोकायुक्त निरीक्षक मनोज मिश्रा ( MANOJ MISHRA ) के मुताबिक जुलाई 2014 में हुए एक हादसे के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बेड रेस्ट की सलाह दी थी। कुछ दिन पहले मैनिट में पीएचडी कर रहा उनका बेटा प्रशांत तनख्वाह के लिए आवेदन करने नगर निगम पहुंचा। यहां अफसरों ने अनफिट सर्टिफिकेट मांगा। इसके लिए प्रशांत ने जेपी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर जगदीश सूर्यवंशी से मुलाकात की।

सुरक्षा गार्ड के जरिए होती थी डील


सूर्यवंशी ने प्रशांत को अस्पताल में तैनात सुरक्षागार्ड संतोष नारपुरे ( Security guard Santosh Narapure ) से मिलने को कहा। संतोष ने प्रशांत को 1000 रुपए महीने के हिसाब से सर्टिफिकेट दिलवाने की बात कही। अंत में सौदा 700 रुपए महीने के हिसाब से 2100 रुपए में तय हुआ। प्रशांत ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी थी।

अफसरों ने नहीं की मदद DOCTOR ने मांगी रिश्वत


श्रीधर ने बताया कि 11 जुलाई 2014 को सेंट मेरी स्कूल के पास संकरी गली होने के कारण निगम की हाइड्रोलिक गाड़ी पोल तक नहीं पहुंच पा रही थी। यहां लैंप लगाया जाना था। सीढ़ी के जरिए पोल पर चढ़े तो पैर फिसलने से नीचे आ गिरे। हादसे में कमर के निचले हिस्से में गंभीर चोट आई। इलाज में काफी रकम खर्च हो चुकी थी। तनख्वाह के लिए प्रशांत को भेजा तो निगम अफसरों ने अनफिट सर्टिफिकेट मांग लिया। सर्टिफिकेट बनाने के नाम पर डॉक्टर भी रिश्वत मांगने लगा।

HOSPITAL जाना था बुला लिया घर

प्रशांत ने बताया कि सर्टिफिकेट लेने के लिए डॉक्टर ने उसे जेपी अस्पताल बुलाया था, लेकिन एक रिश्तेदार के घर से लौटने में उन्हें वक्त लग गया। इसलिए डॉक्टर सूर्यवंशी ने रिश्वत लेने के लिए उसे अपने घर पर ही बुला लिया। बुधवार रात 8 बजे प्रशांत ने डॉक्टर के 110/1, शिवाजी नगर स्थित निवास पर तय रकम अदा की। लोकायुक्त की टीम ने डॉक्टर को धर दबोचा।

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