शिवराज सिंह वेतन भत्तों के साथ MISA पेंशन भी ले रहे थे | MP NEWS

भोपाल। पीएम नरेंद्र मोदी कहते हैं कि देश के ऐसे लोग जो आर्थिक रूप से सक्षम हैं, उन्हे सब्सिडी और ऐसी सरकारी सुविधाएं जिन पर सरकारी खचाने से खर्चा होता है, नहीं लेना चाहिए। उन्हे गिव अप कर देना चाहिए। पीएम मोदी की अपील पर लाखों लोगों ने रसोई गैस सब्सिडी और रेल यात्रा सब्सिडी को गिव अप किया है परंतु सीएम शिवराज सिंह शायद मोदी से सहमत नहीं हैं। वो मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए निर्धारित वेतन भत्ते ले रहे थे, फार्म हाउस व अन्य संशोधनों से भी उन्हे मोटी कमाई होती है बावजूद इसके वो 25000 रुपए मीसाबंदी पेंशन भी ले रहे थे। सरल सवाल यह है कि क्या कोई व्यक्ति सरकार से वेतन और पेंशन एक साथ ले सकता है। 

सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री गोविंद सिंह ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को हर महीने 25,000 रुपए पेंशन देने के लिए फटकार लगाई। मंत्री ने कहा कि अगर शिवराज में कुछ नैतिकता होती तो वह इसे कभी स्वीकार नहीं करते। सरकारी खजाने ने इस पेंशन के नाम पर प्रति वर्ष 60 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाया है। मंत्री गोविंद सिंह ने कहा- बीजेपी ने अपने ही लोगों को पेंशन से बाहर कर दिया और सरकारी धन को लूट लिया।

पढ़िए शिवराज सिंह ने क्या कहा
मंत्री गोविंद सिंह ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की तरह पूंजीपतियों को पेंशन देने की कोई जरूरत नहीं है। प्रतिक्रिया देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा- यह 17 साल की उम्र में लाठियों को तोड़ने के लिए एक मानदेय है न कि पेंशन। मुझे अभी भी सर्दियों के दौरान अपने शरीर में छाले होने का दर्द महसूस होता है। 

प्रिय शिवराज सिंह से सरल सा सवाल
क्या 25000 रुपए पेंशन प्राप्त होने के बाद छाले होने का दर्द महसूस नहीं होता। 
यदि शिवराज सिंह मीसा में बंद ना होते तो क्या भाजपा के इतने बड़े नेता बन पाते। 
क्या शिवराज सिंह को मीसाबंदी होने के कारण संगठन में फायदा नहीं मिला। 
क्या शिवराज सिंह के लिए केवल यह पेंशन ही उनके जीवन यापन का साधन है। 
क्या वो पीएम मोदी की गिव अप अपील से इंकार करते हैं। 
क्या शिवराज सिंह सरकारी खजाने पर खुद बोझ बन जाना चाहते हैं। 
बता दें कि इस 25000 रुपए से 25000 निर्धन महिलाओं को पोषण आहार भत्ता दिया जा सकता है और यह संख्या काफी है। 
यहां बताना जरूरी है कि खेती से लाभ कमाने वाले किसानों में शिवराज सिंह चौहान का नाम सबसे आगे आता है। 

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