CM KAMAL NATH: शिक्षक संवर्ग के डाइंग केडर वाला आदेश अपास्त करें, अध्यापकों की मांग | EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
भोपाल। मप्र में अध्यापक संवर्ग की नियुक्ति प्रथम बार शिक्षाकर्मी के रूप में 1995-96 में की गई थी। नियमित 1998 से किये गए। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष कन्हैयालाल लक्षकार ने बताया कि अध्यापक संवर्ग का दोष इतना ही है कि इनकी नियुक्ति कांग्रेस शासन में अल्प मानदेय पर 500; 600/-₹ महिने पर हुई थी। 

प्रदेश के शिक्षा विभाग में सभी को सातवां वेतनमान 01/01/2016 से दिया गया लेकिन अध्यापक संवर्ग को दस वर्ष बाद 01/01/2006 के बजाय 01/01/2016 से छटा वेतनमान स्वीकृत किया गया। देय एरियर तीन किश्तों में देने के आदेश जारी किए व पहली किश्त  अप्रैल 2018 में भुगतान होना थी जो वेतननिर्धारण के नाम पर अटकी पड़ी है। ये दोयम दर्जे का व्यवहार इस लिए किया गया की ये कांग्रेस शासन में नियुक्त किए गए। इनको पूर्व शासन में चने फुटेले वाले तक कहा गया। शोषण बदस्तूर जारी है। 

मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ इनका देय एरियर तत्काल प्रभाव से भुगतान सुनिश्चित करवाए व अपने वचनपत्र के पालन में शिक्षा विभाग में शिक्षक संवर्ग को डाइंग केडर (मृत संवर्ग) वाला आदेश अपास्त कर 1995 से शिक्षक संवर्ग में इनकी नियुक्ति सहायक शिक्षक, शिक्षक व व्याख्याता के रूप में मान्य कर संशोधित 01/01/2016 से सातवां वेतनमान स्वीकृत किया जाए। इस वर्ग ने वर्षो संघर्ष कर अपना अस्तित्व बचाया है, यहां तक कि महिलाओं ने मुंडन तक करवाया था। प्रदेश के नवागत मुख्यमंत्री माननीय श्री कमलनाथ जी से बहुत आशा है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!