नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी अब हिंदुओं की प्राचीन मान्यताएं बदलने में लगी है। ब्राह्मणों के गोत्र के विषय में शास्त्रार्थ करने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को ही है, क्योंकि यह उनके समाज का विषय है परंतु भाजपा ने अपने प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन से राहुल गांधी के गोत्र पर टिप्पणी करवा दी। सवाल यह है कि किसी पार्टी और हुसैन को यह अधिकार किसने दिया कि वो ब्राह्मणों के मामले में दखल दें।
शाहनवाज हुसैन ने मीडिया के सामने आकर कहा, "राहुल गांधी का जो भी गोत्र बताया जा रहा हाे, लेकिन हम तो यह जानते हैं कि वह दिवंगत फिरोज गांधी के पोते हैं और फिरोज गांधी कश्मीरी पंडित नहीं थे।" शाहनवाज सोमवार को जियारत के लिए अजमेर पहुंचे थे।
कौन दे सकता है RAHUL GANDHI के गोत्र को चुनौती
राहुल गांधी का गोत्र राजनीति का विषय नहीं हो सकता। यह समाज का विषय है और इसे केवल दत्तात्रेय गोत्र के वरिष्ठ लोग ही चुनौती दे सकते हैं। ब्राह्मणों में शास्त्रार्थ की परंपरा है। देशहित हेतु शास्त्रार्थ में ब्राह्मण समाज के लोग सभी जाति धर्मों के विद्वानों को आमंत्रित करते हैं परंतु सामाज या जाति के विचार पर शास्त्रार्थ के लिए पराए गोत्र का व्यक्ति भी शास्त्रार्थ का अधिकारी नहीं होता। यह नितांत निजी और प्राचीन परंपरा है। जिसे भाजपा लगातार तोड़ने का प्रयास कर रही है।