भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जन आशीर्वाद यात्रा का शुभारंभ करते हुए कहा था कि वो मध्यप्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर आशीर्वाद मांगने जाएंगे लेकिन अब पता चल रहा है कि वो सीहोर जिले की इछावर विधानसभा में आशीर्वाद मांगने नहीं जाएंगे। दरअसल, इस सीट से एक अंधविश्वास जुड़ा हुआ है। कहते हैं जो भी सीएम यहां आता है, बस उसके हाथ से सत्ता फिसल जाती है।
पीएम मोदी ने कहा था: जो अंधविश्वासी है उसे मुख्यमंत्री होने का अधिकार नहीं
बता दें कि दिसम्बर 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोएडा में बिना ड्रायवर वाली मेट्रो ट्रेन का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह युग विज्ञान का युग है। इसमें जो व्यक्ति अंधविश्वास करता है उसे मुख्यमंत्री होने का अधिकार नहीं है। If anybody thinks not going to a place will prolong their CM tenure and visiting a place will curtail it, such a person does not deserve to be a Chief Minister: PM.
If anybody thinks not going to a place will prolong their CM tenure and visiting a place will curtail it, such a person does not deserve to be a Chief Minister: PM @narendramodi— PMO India (@PMOIndia) December 25, 2017
ये मुख्यमंत्री हुए इछावर का शिकार
1961 में कैलाश नाथ काटजू इछावर आए और उन्हें 6 माह में पद से हटना पड़ा था।
1967 में पं.द्वारका प्रसाद मिश्र आए और सत्ता से बाहर हुए।
1979 में वीरेंद्र सखलेचा भी इसका शिकार हुए।
1985 में अर्जुन सिंह को कुर्सी छोड़नी पड़ी।
1988 में मोती लाल वोरा आए थे। फिर कभी सीएम नहीं बने।
1990 में पं. श्यामाचरण शुक्ल और फिर 2003 में दिग्विजय सिंह यहां आए थे।
ये है रहस्यमयी इछावर सीट की कहानी
इछावर एक प्राचीन शहर है। इसके चारों ओर चार दिशा में चार श्मशान, चार बावड़ी और 4 गेट हैं। ये इस नगरी को रहस्यमय बना देते हैं। सीएम शिवराज सिंह पिछले 15 सालों में हर विधानसभा तक गए लेकिन इछावर कभी नहीं आए। सीएम शिवराज सिंह चौहान अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान पहली बार 8 मई 2011 को इछावर आने वाले थे, लेकिन बाद में कार्यक्रम रद्द कर दिया गया।
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