मुख्यमंत्री कमलनाथ नहीं आदिवासी हो तभी देंगे समर्थन: जीजीपी | MP NEWS

भोपाल। आदिवासी सीटों पर वोटों के ध्रुवीकरण को रोककर भाजपा के खिलाफ उपयोग करने की कमलनाथ की रणनीति भी अब खतरे में आती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पद के दावेदार कमलनाथ, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) से गठबंधन करना चाहते हैं परंतु जीजीपी ने शर्त रख दी है कि उनका समर्थन कांग्रेस को तभी मिलेगा जब सीएम कैंडिडेट आदिवासी हो। कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए गठबंधन की राहें मुश्किल होती जा रहीं हैं। 

बीते अप्रैल में गोंडवाना महासभा ने गोंगंपा और अभा गोंडवाना पार्टी के नेताओं ने मिलकर चुनाव लड़ने के लिए बैठक की थी। बैठक में दोनों पार्टी के नेताओं के बीच इस मसले पर सहमति भी बन गई थी। 24 मई को दोनों पार्टियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर भी हुए थे।

गोंगपा ने कांग्रेस को इसी शर्त पर समर्थन देने की बात कही है जब मुख्यमंत्री आदिवासी समाज से बनाया जाए। इसी के साथ पृथक गोंडवाना राज्य बनाने को भी पार्टी ने अपने एजेंडे में शामिल किया है। गौरतलब है कि कांग्रेस की महाकौशल और विंध्य इलाके में गोंड मतदाताओं पर नजर है। इस इलाके में गोंगपा की भूमिका है। 2003 में गोंगपा के 3 विधायक जीते भी थे। 

कांग्रेस इस पार्टी के साथ गठजोड़ करके गोंड जनजाति के साथ ही आदिवासियों को अपने साथ जोड़ना चाहती है। मध्य प्रदेश में कुल 23 फीसदी आदिवासी हैं, जिनमें करीब 7 फीसदी गोंड हैं। शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, कटनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा जैसे जिलों में गोंगपा का प्रभाव है।
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