
इसलिए सबसे पहले विधिवत् चयन प्रक्रिया से नियुक्त हुये संविदा कर्मचारियों को वरिष्ठता के आधार पर सरकार नियमित करे उसके बाद विधान सभा सचिवालय में पिछले दरवाजे से भर्ती करे। म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने कहा है कि बिना संविदा कर्मचारियों को नियमित करे यदि पिछले दरवाजे से भर्ती की गई तो म.प्र. संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ विरोध करेगा।
क्योंकि सामान्य प्रशासन विभाग ने 5 जून 2018 को जो निर्देश जारी किए हैं, उसके अनुसार विधान सभा सचिवालय में भी यदि पद रिक्त हैं तो उसमें भी 20 प्रतिशत् कोटा संविदा कर्मचारियों का होना चाहिए।
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