इंदौर। इंदौर में एक बार फिर फर्जी अधिमान्य पत्रकार कार्ड मिले हैं। इस बार भी कार्ड धारकों को गिरफ्तार कर लिया गया है परंतु कार्ड बनाने वाले माफिया तक पहुंचने की कवायद भी शुरू नहीं हुई है। बता दें कि भाजपा एवं आरएसएस से जुड़े कई संगठनों के कार्यकर्ताओं के अधिमान्य पत्रकार कार्ड बने हुए हैं। टोल नाकों पर नियमित रूप से इनकी एंट्री हो रही है। इन्हे पकड़ पाना मुश्किल काम नहीं है लेकिन सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को फंस जाने के डर से इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।
पिछले दिनों पुलिस ने शाकिर पिता मोहम्मद इशाहक निवासी खजरानी कांकड़ और नौशाद पिता अब्दुल खान निवासी श्रीनगर कांकड़ को एमआईजी क्षेत्र के एक जूस संचालक को धमकाने और रुपए मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आरोपी युवक खुद को पत्रकार बताकर दुकानदार को धमका रहे थे और उससे पैसों की मांग कर रहे थे। फरियादी दुकानदार ने पुलिस को शिकायत कर बताया था कि आरोपी युवक दुकान पर आकर फोटो और वीडियो बना रहे थे और खुद को अधिमान्य पत्रकार बता रहे थे।
पुलिस ने आरोपी युवक से अधिमान्य पत्रकार वाले कार्ड मांगे तो उन्होंने मालवा श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा जारी कार्ड बताया। इस कार्ड को मप्र सरकार के जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी किए जाने वाले अधिमान्यता संबंधी कार्ड की तरह ही नकल करके बनाया गया था। इस फर्जी कार्ड पर प्रदेश शासन का लोगो भी लगा हुआ था। कार्ड इस तरह से बनाया गया है कि एक बार देखने पर यह धोखा होता है कि यह कार्ड प्रदेश सरकार की तरफ से जारी अधिमान्य पत्रकार का कार्ड है। मामले की जांच के बाद एमआईजी थाने में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 384, 468, 471 और 34 के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
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