बैतूल। यदि यह सीएम और सीएस की मिली जुली राजनीति है तो कहा नहीं जा सकता परंतु यदि यह दोनों की प्लानिंग नहीं थी तो खुलकर कहा जा सकता है कि नौकरशाही ने सीएम शिवराज सिंह के निर्देश तक मानना बंद कर दिया है। मामला बैतूल जिले के सारणी क्षेत्र का है। यहां से एक साथ 93 अधिकारियों/कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया गया। इसके खिलाफ विधायकों का दल सोमवार को मुख्यमंत्री से मिला। सीएम ने तबादला आदेश निरस्त करने के निर्देश दे दिए, लेकिन प्रमुख सचिव ने इससे इनकार कर दिया। सीएम के निरस्त करने के निर्देश दिए जाने के 1 घंटे बाद सबको रिलीव भी कर दिया गया।
सतपुड़ा प्लांट में 660 मेगावाट की नई यूनिट की स्थापना एवं सतपुड़ा से स्थानांतरित 93 कर्मचारियों तबादला निरस्त करवाने की मांग लेकर भाजपा के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की थी। बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल एवं आमला विधायक चैतराम मानेकर के नेतृत्व में पहुंचे दल ने इकाई को जल्द लगाने मांग की। विधायकों ने सीएम को बताया सारनी में 660 मेगावाट की नई यूनिट के लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। सीएम ने अपने प्रमुख सचिव विवेक अग्रवाल को नई यूनिटों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करने के निर्देश दिए। विधायकों की मांग पर सीएम ने सारनी से स्थानांतरित कर्मचारियों का तबादला निरस्त करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर प्रदेश कार्यसमिति सदस्य कमलेश सिंह, जिला मंत्री रंजीत सिंह, मंडल अध्यक्ष सुधा चंद्रा, सतपुड़ा व्यापारी संघ के अध्यक्ष विनय मालवीय उपस्थित थे। विधायक चैतराम मानेकर ने बताया इस तरह से रिलीव करना ठीक नहीं। जब मुख्यमंत्री स्वयं आदेश रोकने के निर्देश दे रहे और अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहे। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए तो इसका पालन करना ही चाहिए। दोनों विधायक फिलहाल भोपाल में ही हैं। वे मंगलवार फिर से अधिकारियों और सीएम से मुलाकात करेंगे।
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