भोपाल। भोपाल सहित प्रदेश भर के एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूलों में आने वाले दिनों के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होना तय है। इसका मुख्य कारण इन स्कूलों में शिक्षकों की पोस्टिंग प्रक्रिया है, जिसे पुराने यानी वर्ष-2014 के हिसाब से किया जा रहा है। जबकि इन सालों में बच्चों की संख्या में खासा इजाफा सभी एक्सीलेंस स्कूलों में हुआ है। उधर, विभागीय मंत्री डॉ. कुंवर विजय शाह का कहना है कि विभागीय अधिकारियों से इस बारे में पूछताछ कर व्यवस्था में सुधार करवाया जाएगा।
करीब दो साल पहले प्रदेश के एक्सीलेंस हायर सेकंडरी स्कूलों में पढ़ाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने एक टेस्ट लिया था, जिसमें शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना था। इस टेस्ट में शामिल होने मिडिल स्कूल तक के शिक्षकों ने आवेदन कर दिया। खासतौर पर ऐसे शिक्षक भी टेस्ट में शामिल हो गए, जिन्हें अंग्रेजी व हिंदी में बच्चों के साथ बातचीत का अनुभव तक नहीं था। इस वजह से पढ़ाने वालों का स्तर अपने आप ही नीचे आ गया। जबकि इन स्कूलों में पढ़ाने वालों को अंग्रेजी माध्यम में तक पढ़ाना आना जरूरी है।
परीक्षा के माध्यम से चयनित होने के लिए जिन शिक्षकों ने सबसे ज्यादा आवेदन किए उनमें केवल ग्रामीण क्षेत्र से शहरों की और रुख करने वाले मुख्य रूप से शामिल थे। सबसे खास बात इस मामले में यह भी रही कि इन स्कूलों के लिए हुई परीक्षा के बाद इनमें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की काउंसलिंग 28 जुलाई को शुरू हुई। जबकि वर्ष-2014 के सेटअप के हिसाब से इन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना किए जाने का आदेश दो दिन बाद यानी 30 जुलाई को जारी किया गया। इसका आशय है कि विभागीय अधिकारी काउंसलिंग के दिन तक यह तय नहीं कर सके कि कौन से सेटअप के हिसाब से शिक्षकों की तैनाती इन स्कूलों में की जानी है।
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