RGPV: छात्र ने मंत्री के सामने पोल खोली, कुलपति ने माइक छीन लिया | MP EDUCATION NEWS

भोपाल। मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी ENGINEERING UNIVERSITY, राजीव गांधी प्रोद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर्स, फैक्ल्टी और शिक्षा के स्तर की पोल उस समय खुल गई जब कौशल विकास एवं उद्यमिता केंद्रीय राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने BLOCKCHAIN TECHNOLOGY (खण्डशृंखला) की बात की तो छात्रों ने अपनी समस्या सामने रख दी। यह देख कुलपति प्रो. सुनील कुमार (Vice Chancellor Professor Sunil Kumar) ने छात्र के हाथ से माइक छीन लिया और बात को बदलने की कोशिश करने लगे।  

मंत्री ने पूछा ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी किस-किसने पढ़ी है

यहां बात ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की हो रही थी। अारजीपीवी में गुरुवार को कौशल विकास को लेकर संवाद में कौशल विकास एवं उद्यमिता केंद्रीय राज्यमंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने कहा कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी किस-किसने पढ़ी है। यह टेक्नोलॉजी जिंदगी के हर पहलू पर काम आएगी। चार साल से जिस सर्टिफिकेट के पीछे आप भाग रहे हैं, वो सर्टिफिकेट काम नहीं आएगा। ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ही आपके जीवन को निखार सकती है। 

शुभम ने कहा: क्षमा कीजिए, हमारे प्रोफेसर को ही नहीं पता

केंद्रीय मंत्री के उद्बोधन के बाद यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट (यूआईटी) के छात्र शुभम राठी ने कहा कि मंत्री जी, अभी आप ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की बात कर रहे हैं। लेकिन इस टेक्नोलॉजी के बारे में तो हमारी फैकल्टी को पता ही नहीं है। उसने कहा कि मुझे ब्लॉकचेन पर मेजर प्रोजेक्ट करना था। लेकिन, मुझे इसके बारे में प्रोफेसर को तीन बार जाकर समझाना पड़ा। पहली बार में तो उसे रिजेक्ट कर दिया था। वे बोले कि दूसरे नंबर पर जो प्रोजेक्ट लिखा है उसे कर लो। क्योंकि, उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। माफी चाहता हूं, इस लेवल पर आकर यह बात कर रहा हूं। इतना कहते ही अन्य छात्रों ने भी तालियां बजाकर शुभम का समर्थन किया। 

कुलपति प्रो. सुनील कुमार को भी नहीं पता ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या है

तभी वहां मौजूद फैकल्टी ने राठी से माइक छीन लिया। इसके बाद कुलपति प्रो. सुनील कुमार स्पष्टीकरण देते नजर आए और अपने एक साल में किए गए कार्यों की जानकारी देने लगे। अपने भाषण के दौरान भी प्रो. सुनील कुमार ने ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ नहीं बोला। उनके अलावा वहां मौजूद किसी दिग्गज प्रोफेसर ने इस विषय पर कुछ नहीं बोला। मंत्री ने जिस ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का विषय शुरू किया था, कुलपति ने उसे बीच में ही समाप्त कर दिया। 

टीसीएस में 7 लाख का पैकेज मिला है शुभम को

शुभम ने कहा कि मैं आईओटी में प्रोजेक्ट कर रहा था। लेकिन फैकल्टी मेंबर को नहीं पता था कि आईओटी क्या होता है। स्टूडेंट क्या प्रोजेक्ट बना रहा है। छात्र ने कहा कि टेक्नोलॉजी को लेकर कॉलेज लेवल पर कभी सपोर्ट ही नहीं मिलता है। गौरतलब है कि शुभम समेत 5 छात्रों को टीसीएस कंपनी ने 7 लाख के सालाना पैकेज पर हाल ही में चयनित किया है। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !