सीएम शिवराज सिंह असलियत बताएंगे, नहीं माने तो निर्णायक संघर्ष: शिक्षक संघ | MP EMPLOYEE NEWS

Bhopal Samachar
जबलपुर। मप्र शिक्षक संघ विगत वर्षो से शिक्षकों की अनेकों समस्याओं के निदान के लिये प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने शिक्षक संघ से बार बार कहा है कि मेरी सारी घोषणाओं पर अमल होगा के बाद प्रदेश अध्यक्ष लक्षीराम इंगले एवं महामंत्री छत्रवीर सिंह राठौर द्वारा विभिन्न मुद्दों को लेकर अधिकारियों से लगातार संपर्क जारी है। शिक्षक संघ के प्रयासों से सभी संवर्ग के शिक्षकों को पदनाम देने वाली फाइल स्वीकृत होकर मुख्यमंत्री के ओएसडी मनीष पांडे के पास पहुंच चुकी है। जिसे अब केवल मंत्रिमंडल की स्वीकृति के लिए केबिनेट बैठक में रखा जाना शेष है। 

शिक्षक संघ को प्राप्त जानकारी के अनुसार पदनाम लंबित रहने के पीछे अधिकारियों की अड़ंगे बाजी है। वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री को भ्रमित कर रहे हैं कि यदि शिक्षक संवर्गों को पदनाम दिया गया तो अन्य विभाग भी इसी तरह की पदोन्नति की मांग उठाएंगे एवं कोर्ट जाएंगे, जिससे तकनीकी समस्यायें पैदा होंंगी। 

शिक्षक संघ ने अधिकारियों के तर्कों को सिरे से खारिज किया है। शिक्षक संघ का कहना है कि सरकार ने शिक्षकों के स्थाई पदों को मृत संवर्ग घोषित किया है जिससे उनकी पदोन्नति के रास्ते पद न होने के कारण बंद हो गए हैं। जबकि अन्य विभागों में कोई भी पद डाइंग कैडर घोषित नहीं है। इसलिए अन्य विभागों से शिक्षा विभाग की तुलना नहीं हो सकती ।अपनी सक्रियता के लिए कर्मचारी जगत में चिर परिचित मप्र शिक्षक संघ नरसिंहपुर के जिला सचिव सत्यप्रकाश त्यागी ने प्रेस वार्ता में बताया है कि शिक्षक संघ के प्रतिनिधि जुलाई के प्रथम सप्ताह में मुख्यमंत्री से भेंट कर उन्हें अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों में फूट डालने फैलाई जा रही भ्रम की स्थिति एवं विभाग की वस्तु स्थिति से अवगत कराएगा।

इसके अलावा ई अटेंडेंस, मृत संवर्ग के पदों को पुनर्जीवित कर अध्यापकों का शिक्षा विभाग में एक कैडर में संविलियन, कर्मचारियों में असंतोष एवं अन्य मुद्दों पर भी चर्चा करेगा। यदि मुख्यमंत्री  सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं देते हैं तो विगत दिवस इंदौर बैठक में लिए निर्णय अनुसार मध्यप्रदेश शिक्षक संघ 11 जुलाई को संपूर्ण प्रदेश के समस्त विकासखंड स्तर पर आक्रोश रैली तथा ज्ञापन एवं 18 जुलाई को जिला स्तर पर असंतोष प्रकट करने विशाल धरना प्रदर्शन तथा रैली निकाल कर मुख्यमंत्री को कलेक्टर के माध्यम से ज्ञापन देगा।  

इन ज्ञापनों के तुरंत बाद प्रदेश स्तर पर शिक्षक संघ द्वारा निर्णायक संघर्ष छेड़ने शिक्षक संघ की बैठक आयोजित की जाएगी।शिक्षक संघ की प्रदेश इकाई ने शिक्षकों को सहायक शिक्षकों के  गैर मान्यता प्राप्त मोर्चों की भड़काऊ गतिविधियों,विना योजना भावनात्मक अपीलों तथा चंदा बसूली संगठनों से दूर रहने की सलाह दी है।
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