जयारोग्य HOSPITAL के नर्सेस एवं लैब टैक्नीशियन के साथ जूनियर DOCTOR करेंगे STRIKE

GWALIOR: जयारोग्य अस्पताल की नर्सेस एवं लैब टैक्नीशियन 23 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। इसको लेकर शुक्रवार को नर्सेस की बैठक भी हुई है, जिसमें रणनीति तैयार की गई है। उधर मरीजों को हड़ताल के कारण परेशानी नहीं हो इसलिए जेएएच प्रबंधन वैकल्पिक व्यवस्थाएं बनाने में जुट गया है। दिलचस्प बात यह है कि 23 जुलाई से ही प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों ने भी स्टॉयफंड को लेकर हड़ताल की घोषणा की है। ग्वालियर के गजराराजा मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों ने भी इसको लेकर शनिवार को बैठक बुलाई है, जिसमें हड़ताल को लेकर निर्णय होगा। यदि जूडा ने भी काम बंद कर दिया तो अस्पताल प्रबंधन की परेशानी काफी बढ़ जाएगी। जिससे निपटना जेएएच प्रबंधन के लिए खासा मुश्किल होगा।
जयारोग्य अस्पताल की नर्सेस एवं लैब टैक्नीशियन एरियर, एनपीएस योजना का लाभ सहित अन्य मांगो को लेकर 23 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया कि हड़ताल के दौरान रैली निकालकर ज्ञापन दिया जाएगा। इसके अलावा न्यूरोलॉजी के पास ही नर्सेस एवं लैब टैक्नीशियन धरना भी देंगे। उधर जेएएच अधीक्षक डॉ जेएस सिकरवार ने बीते रोज नर्सिंग कॉलेज संचालकों की बैठक ली थी। जिसमें नर्सिंग छात्राओं को वार्ड में ड्यूटी शुरू करने के लिए कहा गया था, जिससे की हड़ताल होने के पहले छात्राएं काम को समझ लें। इससे मरीजों को दिक्कत नहीं झेलना होगी। जेएएच प्रबंधन अभी नर्सेस एवं लैब टैक्नीशियन की हड़ताल के दौरान व्यवस्था में जुटा ही हुआ था कि प्रदेश में जूनियर डॉक्टरों ने स्टॉयफंड को लेकर 23 जुलाई से हड़ताल की घोषणा कर दी है। इसके चलते ग्वालियर में भी जूनियर डॉक्टरों की शनिवार को इस सिलसिले में बैठक होने वाली है। जिसमें तय होगा कि वह हड़ताल में शामिल होंगे या नहीं। यदि जूडा भी हड़ताल करता है तो जेएएच प्रबंधन की परेशानी काफी बढ़ जाएगी।

गजराराजा मेडिकल कॉलेज प्रबंधन के लिए फिलहाल राहत की बात यह है कि जूनियर डॉक्टर वर्तमान में दो गुटों में बंटे हुए हैं। साथ ही अब तक जूडा का गठन भी कॉलेज में नहीं हुआ है। ऐसे में हड़ताल को लेकर भी जूनियर डॉक्टर दो गुटों में दिखाई दे रहे हैं। इसलिए संभव है कि हड़ताल का फैसला टाल दिया जाए।

जेएएच में सीनियर डॉक्टर पूरे समय मौजूद नहीं रहते हैं। ड्यूटी टाइम के बाद वह ऑन कॉल उपलब्ध होते हैं। ऐसे में पूरी व्यवस्था जूनियर डॉक्टर एवं नर्सेस के भरोसे होती है। यदि जूडा और नर्सेस दोनों ही 23 जुलाई से हड़ताल पर गए तो वार्डों में मरीज की देखभाल के लिए केवल नर्सिंग छात्राएं ही रहेंगी, जिससे मरीजों की परेशानी बढ़ जाएगी। क्योंकि नर्सिंग छात्राएं पूरी तरह से ट्रैंड नहीं होती हैं। वहीं लैब टैक्नीशियनों के हड़ताल पर होने से सभी प्रकार की जांचे प्रभावित होना तय है।

सांतवे वेतनमान की मांग को लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन पहले ही जीआर मेडिकल कॉलेज के डीन को ज्ञापन देकर 1 अगस्त तक का अल्टीमेटम दे चुका है। यदि मांग पूरी नहीं होती तो सीनियर डॉक्टर भी आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं।

वर्जनः
हमारी बैठक हुई थी, जिसमें 23 जुलाई को अनिश्चितकालीन हड़ताल के दौरान धरना एवं रैली निकालकर ज्ञापन देने का निर्णय लिया गया है।
रेखा परमार, प्रदेशाध्यक्ष नर्सेस एसोसिएशन

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