आंगनबाड़ी में बनती है तीखी दाल, ताकि बच्चे कम खाएं, राज्यपाल नाराज

सीहोर। राज्यपाल आंनदीबेन पटेल शुक्रवार को रसूडिया गांव पहुंची, यहां आंगनबाड़ी केंद्र का निरीक्षण किया, इस दौरान किचन में जाकर मूंग की दाल चखी। तीखी होने पर कर्मचारियों से कहा-इतनी तीखी दाल बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं हैं, इसमें मिर्च कम डाला करो। बता दें कि सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त भोजन वितरण योजनाओं में शिकायतें मिल रहीं हैं कि अक्सर इस तरह से बनाया जाता है ताकि लोग कम खाएं। याद दिला दें कि सरकारी योजना में प्रतिव्यक्ति के मान से बजट प्राप्त होता है। यदि लोग कम खाएंगे तो खर्चा कम होगा और मुनाफा ज्यादा। 

आंगनबाड़ी में नहीं मिला रसोई गैस सिलेण्डर
आंगनबाड़ी में बच्चों से राज्यपाल ने पूछा- पढ़ाई करते हो, इस पर बच्चों ने उन्हें कविताएं सुनाईं। उन्होंंने सभी बच्चों को केले वितरित किए। वह किचन में पहुंची यहां देखा कि खाना चूल्हे पर बन रहा था, इस पर कलेक्टर तरुण पिथोड़े को तुरंत गैस चूल्हा की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। याद दिला दें कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत चूल्हों से मुक्ति के लिए अभियान चलाया गया था। 

बिखरी पड़ी दवाईयां ही संक्रमित हो गईं
वहीं, खाना बना रही महिला से पूछा पौष्टिक भोजन में क्या है, मुझे चखाओ, मूंग दाल का स्वाद लेते ही राज्यपाल ने कहा बहुत तीखी है कितनी मिर्च डालती हो, यह बच्चों के स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। लौटते समय देखा कि टेबल पर दवाई बिखरी अवस्था में रखी है। कलेक्टर को निर्देश दिए की जिले की सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर दवाई रखने के लिए एक बॉक्स की व्यवस्था करें।
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