राकेश दुबे@प्रतिदिन। 2019 के चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मान-मनोव्वल के साथ अंदर-बाहर की चुनौतियाँ भी सामने आने लगी हैं। अमित शाह और कई और नेता दरवाजे- दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं। वही गठ्बन्धन से इतर चुनोतियों ने भाजपा में चिंता की लकीरें खींच दी है। सबसे बड़ी चुनौती के रूप में राम मन्दिर का मुद्दा उभर रहा है। भाजपा के विचारक अपने नेता मोदी की संभावित हार की चिंता में यहाँ तक परेशान है कि उन्हें इस काल्पनिक हार के पीछे अभी से देश के बाहर का हाथ सूझने लगा है।
सबसे पहले राम मन्दिर, अयोध्या के महंत सुरेश दास ने राम मंदिर को लेकर केंद्र सरकार को सीधे चुनौती दी है। दिगंबर अखाड़े के महंत ने कहा है कि अगर भाजपा 2019 में फिर से सत्ता में आना चाहती है तो उसे राम मंदिर बनाना ही होगा। उन्होंने अपनी चेतावनी में आगे कहा है कि अगर भाजपा ऐसा नहीं करती है तो हम भाजपा के खिलाफ आंदोलन शुरू करेंगे जिससे भाजपा की हार निश्चित होगी। महंत सुरेश दास ने ये प्रतिक्रिया केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के उस बयान पर दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि 2019 के चुनाव में भाजपा का एकमात्र एजेंडा विकास ही होगा। कुछ दिन पहले गोवा के पणजी में आयोजित ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से जब राम मंदिर बनवाने के मुद्दे पर सवाल किया गया था, तो उन्होंने साफतौर पर नकारते हुए ये कहा कि २०१९ के चुनावों में हिंदुत्व और 'राम मंदिर' के मुद्दों के लिए कोई जगह नहीं होगी, सिर्फ विकास ही हमारा एक सूत्रीय एजेंडा होगा। नकवी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ही नहीं, भाजपा का भी मेन फोकस विकास ही है। जनता के सामने विकास ही एकमात्र विकल्प है। विपक्ष को भी विकास के ही एजेंडे पर चुनाव लड़ना चाहिए।
दूसरी ओर कर्नाटक के एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने दावा किया है कि 2019 में मोदी को हराने के लिए वैश्विक षड्यंत्र चल रहा है। चिंतातुर नेता विधायक सीटी रवि हैं। वे कहते हैं कि देश में अलग-अलग राजनीतिक दलों और वैश्विक स्तर पर षड्यंत्र रचा जा रहा है, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को 2019 में सत्ता में आने से रोका जाए। वे कर्नाटक राज्य में भाजपा के महासचिव हैं उन्होंने साफ़ कहा की मोदी फीवर के कारण देश में अलग-अलग विचारधारा वाले राजनीतिक दलों के साथ पाकिस्तान और चीन जैसे देश भी डरे हुए हैं और भारत के कुछ राजनीतिक दल चाहते हैं कि मोदी 2019 का लोकसभा चुनाव हार जाएं।
हर दल की अपनी चुनावी रणनीति होती है, भाजपा को विश्वास है कि राम मन्दिर का मुद्दा उठाने वालों से वह अपने सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से हल निकाल लेगी और अन्य चुनौतियो से निबटना उसे आता है। भाजपा कुशल खिलाडी है, पर मुद्दे ने जोर पकड़ लिया तो क्या होगा ?
श्री राकेश दुबे वरिष्ठ पत्रकार एवं स्तंभकार हैं।
संपर्क 9425022703
rakeshdubeyrsa@gmail.com
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