रोजगार सहायकों की हड़ताल बेअसर, पंचायत सचिव काम कर रहे हैं

भोपाल। पंचायत सचिव संघ के केके साहू ने दावा किया है कि मध्यप्रदेश में रोजगार सहायकों की हड़ताल का पंचायत के कामों पर कोई असर नहीं पड़ा है। सभी पंचायतों में नियमित काम हो रहे हैं और पंचायत सचिव सभी कामों को सफलतापूर्वक पूर्ण करा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ना तो पंचायतों के काम ठप हुए हैं और ना ही मनरेगा के मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है। साहू ने कहा कि हड़ताली नेता भटकाने वाले बयान जारी कर रहे हैं जबकि हड़ताल बेअसर है। 

साहू ने बताया कि मध्यप्रदेश में ग्राम पंचायतों में संविदा में पदस्थ ग्राम रोजगार सहायकों के द्वारा 15 मई से हड़ताल की जा रही है और दावे किए जा रहे हैं ग्राम पंचायत में काम ढप्प हो गए है, मजदूरों को पलायन करना पड़ रहा है, जबकि वास्तविकता यह है हड़ताल के तीसरे दिन आज मनरेगा में मध्यप्रदेश में 5.94 लाख मजदूर कार्यरत है, जिनकी संख्या मनरेगा पोर्टल में दिख रही है। सर्वाधिक 30321 मजदूर मंडला जिले में लगे हुए हैं, वहीँ राजगढ़ में 26008, नरसिंहपुर में 19242,खरगोन में 17841,छिंदवाड़ा में 14963, बैतूल में 12855,बालाघाट में 18603 और अनूपपुर में 10000 मजदूर काम कर रहे हैं, इसी तरह हर जिले में मजदूर कार्यरत है।

गौरतलब है प्रदेश में पंचायत सचिवों की हड़तालों के दौरान रोजगार सहायकों ने अपनी मांगों को दरकिनार करके सचिवों की हड़ताल का विरोध किया था और बढ़चढ़कर काम किया था। इसके अलावा रोजगार सहायक संघ के प्रदेश अध्यक्ष रोशन परमार ने सचिवों के दूसरे गुट को मुख्यमंत्री निवास ले जाकर हड़ताल को बाधित करने का प्रयासा किया था, जिससे खुश होकर तत्कालीन acs जुलानिया ने रोजगार सहायकों की वेतन 5000 से बढाकर 9000 कर दी थी। बहरहाल अब पंचायत सचिवों की मांगे पूरी हो चुकी है और अब प्रदेश के सचिव रोजगार सहायकों का काम पंचायतों में डटकर कर रहे हैं, जिसके कारण रोजगार सहायकों की हड़ताल के बावजूद भी पंचायतो में कोई काम प्रभावित नही हो रहा है।

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