राज्य निर्माण विभाग संघ ने सीएम को लिखा ध्यान आकर्षण पत्र

भोपाल। राज्य निर्माण विभाग कर्मचारी संघ के बैनर तले प्रदेश के समस्त निर्माण विभाग मे कार्यरत हजारों दैनिक वेतन भोगी/स्थायी कर्मचारियो ने अपनी मांगो को लेकर विगत दिवस जहांगीराबाद स्थित नीलम पार्क में एक दिवसीय धरना दिया। धरने के बाद सरकार ने अब तक संघ से कोई भी पत्र व्यवहार नही किया है, न ही उनकी मांगो पर कोई निर्णय लिया है। सरकार और शासन ने प्रमुख मांगो क्या कदम उठाए इसकी जानकारी भी संघ को उपलब्ध नही कराई गई है। संघ के प्रांताध्यक्ष शंकर सिंह सेंगर ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर उनका ध्यान इस और आकर्षित कर धरने के बाद हुई कार्यवाही का जबाव मांगा है।  

संघ की मांगों का विवरण निम्न प्रकार हैः-
1. स्थाई वर्गीकृत/वर्गीकृत व स्थाई कर्मी कर्मचारियों को उनके कार्य केडर अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पद का वेतनमान स्वीकृत किया जाये व विभाग में रिक्त पदों पर उक्त कर्मचारियों का समायोजन किया जाये ।
2. भारत के माननीय उच्चतम न्यायालय व माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेशों का पालन समस्त कर्मचारियों पर एक समान समस्त हित लाभों को स्वीकृत कर पूर्व में जारी त्रुटिपूर्ण आदेश स्थान पर कर्मचारियों के हित में त्रुटि रहित आदेश यथाशीघ्र जारी करें ।
3. समस्त कार्यरत कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ यथाशीघ्र दिया जावे।
4. मध्यप्रदेश शासन ग्रेजूटी नियम 1962 के अनुसार ग्रेज्युटी का निर्धारण एवं अन्य हितलाभ यथाशीघ्र दिया जावे।
5. उक्त समस्त कर्मचारियों को उनकी सेवा अवधि के आधार पर म.प्र. शासन पेंशन योजना का लाभ दिया जावे।
6. शासन के अधीनस्थ तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में कार्यरत नियमित व कार्यभारित कर्मचारियों को दिये जाने वाले लाभ अर्जित अवकाश, पद अनुसार कटौत्री व समस्त हितलाभ देेने आदेशित कार्यवाही शीघ्र की जावे।
7. अन्य कर्मचारियों को माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय समान कार्य समान वेतन एवं भारत सरकार के राजपत्र अनुसार न्यूनतम वेतन 24,000/- रू. प्रतिमाह लागू किया जावे।

अतः राज्य निर्माण विभाग कर्मचारी संघ म.प्र. इस पत्र के माध्यम से प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय से पुनः निवेदन करता है कि प्रदेश के दबे, कुचले, शोषित स्थाई वर्गीकृत कर्मचारियों /दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को म.प्र. शासन के अधीन कर्मचारियों की भांति समस्त सुविधाएं लागू कर एक लोक तांत्रिक कल्याणकारी राज्य सरकार होने की अवधारणा को सिद्ध करने का गौरव हासिल कर स्थाई वर्गीकृत/स्थायी कर्मी/दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को शोषण से मुक्ति दिलाकर न्याय करने व कर्मचारियों की मांगों का निराकरण कर हमें कृतज्ञ करने का कष्ट करें।

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