
एक्सीलेंस स्कूल में पढ़ने के लिए गांव व परिवार से दूर शुजालपुर आकर किराए के कमरे में रहा। उसने ठाना कि वह अपनी मेहनत से साबित करेगा कि योग्यता में वह अव्वल है। बस इसी जिद ने उसे हमेशा पढ़ाई पर केंद्रित रखा। मोबाइल-टीवी से दूर रहने के साथ ही शिक्षकों को सफलता का श्रेय दिया। सत्यम दसलानिया ने 500 में से 460 अंक हासिल किए हैं एवं अपनी संकाय की टॉपर लिस्ट में वो 7वें स्थान पर है।
सत्यम ने बताया पिता को रोज मजदूरी का काम नहीं मिलता। मां आशा कार्यकर्ता के रूप में काम करते हुए जो थोड़े-बहुत रुपए कमाती, उससे 7 सदस्य के परिवार को चलाना मुश्किल देख हमेशा परिवार के लिए सक्षम बन कुछ करने की सोच ने भी ये हौसला दिया। अब पुलिस या किसी अन्य डिफेंस सर्विस में जाने का इरादा है।