कठुआ और उन्नाव पर ही हंगामा क्यों, असम पर क्यों नहीं: भाजपा | NATIONAL NEWS

नई दिल्ली। कठुआ और उन्नाव रेप केस में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कांग्रेस और मीडिया से नाराज है। आधिकारिक बयान जारी करते हुए मीनाक्षी लेखी ने सवाल किया कि केवल कठुआ और उन्नाव के मामले ही क्यों उठाए, असम का मामला क्यों नहीं उठाया। मीनाक्षी ने कहा कि बेवजह मामलों को तूल लिया जा रहा है जबकि दोनों मामलों में पर्याप्त कार्रवाई हुईं हैं। उन्होंने बताया कि उन्नाव केस में पीड़िता ने विधायक का नाम नहीं लिया था। बाद में लिया तो पूछताछ भी की गई। बता दें कि इधर मीनाक्षी लेखी भाजपा विधायक को निर्दोष बताने की कोशिश कर रहीं थीं, उधर सीबीआइ भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को हिरासत में ले चुकी थी। जब तक मीनाक्षी का बयान वायरल हुआ। हाईकोर्ट विधायक की गिरफ्तारी के आदेश दे चुका था। 

हम उपवास पर थे, मीडिया गैंगरेप के सवाल कर रही थी
बीजेपी की तरफ से मीनाक्षी लेखी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी का पक्ष रखा। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कठुआ पर जम्मू-कश्मीर की बीजेपी यूनिट ने एक अप्रैल को ही बयान जारी कर अपराधियों पर कार्रवाई की बात कही लेकिन मीडिया ने इसे नहीं दिखाया। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि 12 अप्रैल को हमारी पार्टी के अनशन के दौरान भी मीडिया हमसे कठुआ और उन्नाव के बारे में ही पूछ रहा था। 

असम में रेप का मामला क्यों नहीं उठा रहे 
मीनाक्षी लेखी इन बातों पर पार्टी का स्टैंड साफ करते हुए कठुआ और उन्नाव के मामले की तुलना असम के एक रेप के मामले से कर डाली। मीनाक्षी ने कहा कि उन्नाव वाला केस 10 महीने पुराना है, कठुआ का केस जनवरी का है लेकिन अप्रैल में असम में भी एक केस हुआ। मीनाक्षी ने कहा, 'पांचवीं क्लास की 12 साल की छात्रा से रेप हुआ, उसे केरोसीन डालकर जलाया गया। इस घटना में शामिल शख्स 21 साल का जाकिर हुसैन था।' मीनाक्षी लेखी ने कहा कि कुछ लोग इस विषय पर चुप हैं जबकि बाकी विषयों को उछाल रहे हैं। 

कठुआ केस में सही कार्रवाई हुई, फिर सवाल क्यों
उन्होंने कहा कि बीजेपी नहीं चाहती कि इन विषयों पर राजनीति हो। मीनाक्षी लेखी ने कहा कि देश में एक अलग तरीके का वातावरण बनाने की कोशिश है। अपराधियों को लेकर कुछ तथ्य प्रस्तुत करना चाहती हूं। उन्होंने कहा, 'कठुआ मामले की सही जांच हुई है। केस तुरंत क्राइम ब्रांच को सौंपा गया। 6-7 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। एसआईटी का गठन किया गया है।' मीनाक्षी लेखी ने जम्मू बार असोसिएशन के प्रेजिडेंट सलाथिया के बहाने इस केस से कांग्रेस को जोड़ा। मीनाक्षी ने कहा कि 'एक तरफ बार असोसिएशन के प्रेजिडेंट सलाथिया कह रहे हैं कि न्याय चाहते हैं और दूसरी तरफ हाई कोर्ट को बंद करने की घोषणा की है। सलाथिया गुलाम नबी आजाद के पोलिंग एजेंट थे।' उन्होंने कहा कि अब आप देख लीजिए कैसी राजनीति हो रही है। 

उन्नाव रेप पीड़िता ने विधायक का नाम ही नहीं लिया था
मीनाक्षी लेखी उन्नाव गैंगरेप केस पर भी बोलीं। इस मामले में गैंगरेप का आरोप बीजेपी विधायक पर है। हालांकि मीनाक्षी लेखी ने अपने विधायक की गलती की जगह इसे निजी रंजिश बताने की कोशिश की। मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'उन्नाव वाले विषय पर डेट लाइन देना चाहती हूं। यह घटना करीब 10 महीने पहले की है। 11 जून 2017 को पीड़िता गायब हुई थी। पीड़िता के परिवार ने शुभम और अवधेश नाम के दो लोगों पर केस किया। 21 जून को लौट कर आई। 22 जून को पुलिस ने इनका बयान मैजिस्ट्रेट के सामने कराया। उन्होंने कुछ लोगों का नाम लिया लेकिन विधायक का नाम नहीं लिया।' 

पीड़िता ने पीएमओ को लिखा तो कार्रवाई भी हुई
उन्होंने आगे कहा, 'जून-जुलाई के बीच पीड़िता ने पीएम और आदित्यनाथ को चिट्ठी लिखी। विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया। पीएमओ ऐक्शन में आया। कार्रवाई हुई। 30 अक्टूबर को विधायक समर्थकों ने पीड़िता के परिवार पर मानहानि का केस किया। आपस में झगड़ा शुरू हो गया। 3 अप्रैल को पीड़िता के पिता के साथ मारपीट हुई। आपसी रंजिश का नतीजा था। पुलिस ने आर्म्स ऐक्ट का केस लगाया। सीएमओ और डॉक्टर की तरफ से गलत रिपोर्ट आई। दोनों को कस्टडी में ले लिया गया है, जिन्होंने लड़की के पिता को जेल जाने के लिए फिट बताया था। डेप्युटी एसपी को सस्पेंड कर दिया गया है। विधायक को पूछताछ के लिए बुलाया गया है।' मीनाक्षी ने कहा कि महिलाएं, बच्चे, पीड़ित किसी धर्म या किसी समाज के नहीं होते, देश के होते हैं। 

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