दावेदारों से वसूली का आइडिया पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का था: दीपक बावरिया | MP NEWS

भोपाल। मप्र कांग्रेस कमेटी को कंपनी और खुद को सीएमडी समझने वाले प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया अब टिकट दावेदारों से 50 हजार रुपए की चंदा वसूली के मामले में सफाई देते घूम रहे हैं। बुन्देलखंड के दौरे पर पहुंचे बावरिया ने दमोह में कहा कि पार्टी में टिकट के दावेदारों से फॉर्म के साथ पचास हजार रुपये की राशि जमा कराने का निर्णय उन्होंने नहीं बल्कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का था। बाबरिया ने कहा कि ये निर्णय पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की राय पर लिया गया था, जिसकी घोषणा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को करनी थी लेकिन, उनकी व्यस्तता के चलते मुझे इसकी घोषणा करनी पड़ी। बावरिया ने यह नहीं बताया कि इस तरह का बेतुका आइडिया देने वाला वरिष्ठ नेता कौन था और उन्होंने फटे में टांग क्यों अड़ाई। 

उन्होंने कहा कि जब पार्टी के भीतर ही इस फैसले का विरोध हुआ तो लोकतंत्र का सम्मान करते हुये पार्टी ने इस निर्णय को वापस ले लिया। प्रदेश प्रभारी ने कहा कि इस निर्णय से अब तक पार्टी के कोष में जो राशि जमा हुई थी, उसे वापस किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रही कांग्रेस ने अपनी आर्थिक दशा ठीक करने के लिए ये कदम उठाया था, लेकिन पार्टी नेताओं के विरोध के चलते इस आदेश को खत्म कर दिया गया। 

पार्टी के वरिष्ठ नेता जुटायेंगे चुनाव के लिये फंड
दीपक बाबरिया ने जानकारी दी कि इस निर्णय के वापस लिये जाने के बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं ने आश्वासन दिया है कि पार्टी को आर्थिक संकट से उबारने के लिए वे चुनावी साल में फंड जुटायेंगे। वरिष्ठ नेताओं की फंडिंग से चुनाव के समय में पार्टी को आर्थिक परेशानी के दौर से नहीं गुजरना पड़ेगा। 

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