भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को प्रशासन अकादमी में आयोजित अवैध कालोनियों की वर्कशॉप में अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि गुंडों के अवैध निर्माण तोड़ने ही हैं, मैं आदेश दे रहा हूं। इसके बाद कैसी परमिशन चाहिए। सीधे तोड़ दो, बाद में देखेंगे जो होगा। बहन-बेटी और महिलाओं पर बुरी नजर रखने वाले गुंडों और बदमाशों को बख्शा नहीं जाएगा।
बता दें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान इस बारे में पहले भी बयान दे चुके हैं परंतु अधिकारी चाहते हैं कि इस संदर्भ में एक लिखित आदेश जारी हो। वर्कशॉप में अधिकारियों ने यही मुद्दा उठाया। नगरीय निकायों के अधिकारी चाहते हैं उनके पास स्पष्ट आदेश हों ताकि अवैध निर्माण तोड़ने के बाद होने वाली न्यायालयीन कार्रवाई में वो स्पष्ट कर सकें कि यह शासन का आदेश था परंतु सीएम शिवराज सिंह ने लिखित आदेश देने से इंकार कर दिया।
बैकफुट पर क्यों आए शिवराज
वर्कशॉप के बाद सबसे बड़ा सवाल यही था कि सीएम शिवराज सिंह बैकफुट पर क्यों आए। क्यों सीएम आॅफिस से एक सर्कूलर जारी नहीं किया जा रहा कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले अतिक्रमणकारियों के अवैध निर्माण तोड़ने का अभियान चलाया जाए। क्यों वो कागज और कलम से दूर भाग रहे हैं। क्यों वो इस अभियान को रिकॉर्ड पर लेना नहीं चाहते।