भोपाल। मध्यप्रदेश में रेत माफिया का आतंक एक बार फिर मौत बनकर सामने आ गया। उसी भिंड में जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया अपना क्षेत्र बताते हैं, अटेर से हेमंत कटारे को जिताने के लिए कई दिन रात पड़े रहे, पत्रकार संदीप शर्मा की सरेआम हत्या कर दी गई परंतु ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस मुद्दे को उठाना उचित नहीं समझा। वो द ग्लोबल इंडस्ट्री एसोसिएशन की समिट में थे। ये वही ज्योतिरादित्य सिंधिया हैं जो खुद को विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बताते हैं। जो शिवराज सिंह सरकार को उखाड़ फैंकने का दावा करते हैं और मप्र का सीएम बनना चाहते हैं।
बीते रोज मप्र के वित्तमंत्री जयंत मलैया ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि कांग्रेस 15 साल से सत्ता से बाहर है फिर भी उसे विरोध करना नहीं आया। कांग्रेसी नेता अपनी सुविधा के अनुसार विरोध करते हैं। इस मामले में बिल्कुल ऐसा ही नजर आया।
होना तो यह चाहिए था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने सभी कार्यक्रम स्थगित करते भिंड पहुंचते और संदीप शर्मा की शवयात्रा में शामिल होते परंतु ऐसा नहीं हुआ। ये हाल तब हैं जब सिंधिया सत्ता विहीन हैं। यदि सत्ता में आ गए तो 13वीं तक विदेश से नहीं लौटेंगे।
जनता विपक्ष के नेताओं से उम्मीद करती है कि वो उस समय जनता के बीच खड़े होंगे, जब जनता दर्द में हो परंतु सिंधिया की आदत में ऐसा कुछ नहीं है। कमोवेश किसी भी कांग्रेसी दिग्गज की आदत में ऐसा नहीं है। सुबह से शाम हो गई, भिंड में एक भी कांग्रेसी दिग्गज नहीं पहुंचा। मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा हर रोज प्रेस बयान जारी करते हैं, आज भी कर दिया और हो गई विपक्षी दल के कर्तव्य की इतिश्री।
अब जबकि विपक्ष ही इतना कमजोर है तो सत्ता पक्ष का बेलगाम होना तो स्वभाविक ही है। अमित शाह की टीम के प्रमुख सदस्य और भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री सौदान सिंह भोपाल में हैं। नंदकुमार सिंह की कुर्सी खतरे में है, अत: सीएम शिवराज सिंह भी सौदान सिंह के स्वागत में व्यस्त रहे।