पत्रकार संदीप हत्याकांड: CM को पता था, SDOP की भूमिका संदिग्ध: कांग्रेस | MP NEWS

भोपाल। भिंड में पत्रकार संदीप हत्याकांड में कांग्रेस ने सीएम शिवराज सिंह और गृहमंत्री भूपेन्द्र सिंह से इस्तीफा मांगा है। प्रवक्ता केके मिश्रा ने बताया है कि इस मामले में एसडीओपी इंद्रवीर सिंह भदौरिया की भूमिका संदिग्ध है। वो माफिया का खुला साथ दे रहा है। सीएम शिवराज सिंह को इसकी जानकारी दी गई थी। बताया था कि संदीप शर्मा को जान का खतरा है, बावजूद इसके सीएम ने संदीप को सुरक्षा देना तो दूर, आरोपी माफिया के खिलाफ पाबंदी की कार्रवाई तक नहीं की। 

25 प्रतिशत बढ़े पत्रकारों पर हमले 
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता के.के. मिश्रा ने आज भिंड में रेत माफिया द्वारा पत्रकार श्री संदीप शर्मा की ट्रक से कुचलकर नियोजित तरीके से की गई हत्या को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की आजादी पर किया गया असहनीय हमला बताया है। श्री मिश्रा ने यह भी कहा कि वर्ष 2015-16 में प्रदेश में पत्रकारों पर हमला होने के मामलों में करीब 25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहे जाने वाले पत्रकारों के लिए पूरे देश में मप्र सबसे असुरक्षित राज्य के रूप में उभरकर सामने आया है। 

सीएम और गृहमंत्री इस्तीफा दें 
बीते तीन सालों के आंकड़ों पर ही यदि गौर किया जाये तो वर्ष 2014, 15 और 16 में प्रदेश में पत्रकारों पर हमले के क्रमशः 7, 19 और 24 मामले दर्ज किये गये हैं। यानि साल-दर-साल ऐसे हमले रूकने के बजाय और अधिक बढ़ रहे हैं। इस लिहाज से श्री शर्मा की हत्या प्रदेश की ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था का भी परोक्ष प्रमाण है, जिसकी नैतिक जिम्मेदारी मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान व गृह मंत्री श्री भूपेन्द्रसिंह की है। लिहाजा, वे अपने-अपने पदों से इस्तीफा दें, हत्या की जांच एनआईए को सौंपी जाये, क्योंकि व्यापमं महाघोटाले की जांच कर रही सीबीआई की विश्वसनीयता लगभग समाप्त हो चुकी है।

प्रदेश भर में माफिया आतंक
श्री मिश्रा ने कहा है कि ग्वालियर-चंबल संभाग में ही 8 मार्च, 12 को रेत माफियाओं ने आईपीएस श्री नरेन्द्रकुमार की ट्रेक्टर से कुचलकर हत्या कर दी थी, इसके बाद प्रदेश में सीहोर, पन्ना, सराय छोला, मुरैना, शाजापुर, बुरहानुपर, रीवा सहित दर्जनों जिलों में रेत माफियाओं ने आईएएस, आईपीएस, राज्य प्रशासनिक और पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों, वन-खनिज विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों पर जानलेवा हमले और उन्हें कुचलकर मार डालने की भी कोशिश की हैं। क्या कारण है कि रेत माफियाओं की बुलंदगी में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही हैं। यही कारण है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने भी इस बात को स्वीकारा है कि अवैध उत्खनन को लेकर भाजपा शासित मप्र, गुजरात और राजस्थान के साथ अव्वल दर्जे पर है, (जिसमें क्रमशः 106, 53 और 34 फीसदी का इजाफा हुआ है!) 

सीएम शिवराज के परिवार का संरक्षण
श्री मिश्रा ने सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के रेत माफियाओं को प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके परिवार का न केवल परोक्ष संरक्षण प्राप्त है, बल्कि यह परिवार स्वयं तमाम स्पष्ट प्रमाणों के सामने आ जाने के बाद भी बेखौफ होकर रेत के अवैध उत्खनन-परिवहन में शामिल है, पिछले 13 वर्षों में माँ नर्मदा के सीने को अरबों रूपयों के रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन कर इस परिवार ने छलनी कर दिया है। जब प्रदेश के मुखिया का परिवार ही रेत माफिया के रूप में सामने आ चुका है, तब अन्य माफियाओं के हौसले बुलंद होंगे ही। 

सीएम से मांगी थी सुरक्षा, एसडीओपी माफिया से मिला 
श्री मिश्रा ने आज हुई पत्रकार श्री शर्मा की हत्या को लेकर भी सीधा आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के मुखिया से विगत् दिनों स्टेट हेंगर पर श्री शर्मा को रेत माफियाओं द्वारा निरंतर दी जा रही धमकियों, हत्या के प्रयास को लेकर राजधानी के पत्रकारों ने मुख्यमंत्री से उन्हें सुरक्षा दिये जाने बावत् आग्रह किया था। श्री शर्मा ने भी रेत माफियाओं को एसडीओपी द्वारा सीधे तौर पर दिये जा रहे सहयोग की शिकायत 4 माह पहले जिले के एसपी को की थी, क्या कारण रहा कि मुख्यमंत्री और एसपी दोनों ने ही इस गंभीर शिकायत पर कोई संज्ञान क्यों नहीं लिया? उन्होंने कहा कि मुरैना जिले में रेत माफियाओं द्वारा आईपीएस नरेन्द्र कुमार की, की गई हत्या के बाद आज लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के मजबूत और ईमानदार प्रहरी श्री संदीप शर्मा की हत्या ने रेत माफियाओं के बुलंद हौसलों को स्पष्ट कर दिया है कि वे अपने काम को राजनैतिक संरक्षण के बाद ही अंजाम दे रहे हैं। 

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