
इस बारे में यूपी के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मोहसिन रजा की तरफ से बयान जारी हुआ है। मंत्री ने कहा, 'इस तरह की चीजों विवाद पैदा करने की जरूरत नहीं है। केसरिया रंग ऊर्जा का प्रतीक है और चमकदार होने की वजह से इमारतों पर अच्छा लगता है। विपक्ष के पास हमारे खिलाफ कोई बड़ा मुद्दा नहीं है इसलिए वे अप्रासंगिक मुद्दे उठाते हैं।'
इमारतों का गेरुआ रंग से पेंट होने का सिलसिला सिर्फ राजधानी लखनऊ नहीं बल्कि यूपी के अन्य इलाकों में देखने को मिल रहा है। इससे पहले दिसंबर महीने में पीलीभीत के 100 से भी ज्यादा प्राथमिक विद्यालय भगवा रंग में रंग दिए गए थे। शिक्षकों के विरोध के बावजूद भी गांव के सरपंच ने स्कूलों की दीवारों को पेंट करा दिया था। इमारतों के भगवाकरण का सिलसिला अक्टूबर महीने से जारी है जब मुख्यमंत्री के दफ्तर ऐनेक्स को केसरिया रंग में पेंट किया गया था। लखनऊ से शास्त्री भवन में स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय पहले सफेद रंग से पेंट था। इसके बाद कई सरकारी इमारतों को गेरुआ रंग में रंगा जा रहा है।