
मात्र 15000 रुपए से की थी शुरूआत
शैंपू का बिजनेस उनका एक फैमिली बिजनेस है लेकिन पिता के निधन के बाद उनके भाई और उनके बीच अनबन हो गई थी जिस वजह से उन्हें घर छोड़ना पड़ा। वह घर से केवल 15,000 रुपये निकले थे। घर से निकलने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने रहने का इंतजाम किया। उन्होंने बताया कि हैं, 'यह एक कमरे का एक छोटा सा घर था जिसका किराया सिर्फ 250 रुपये महीना था। मैंने एक केरोसिन स्टोव खरीदा और एक साइकिल भी ली। उन्होंने कहा 'मैं अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकल चुका था और अब मैं जिंदगी में आने वाली हर एक चुनौती को स्वीकारने के लिए तैयार था।
अब सिंगापुर तक फैल गया कारोबार
कुछ समय बाद उन्होंने चिक ब्रैंड के नाम से शैंपू बनाना शुरू किया। जिसका एक छोटा सा 7ml का शैशे सिर्फ 75 पैसे में मिला करता था। जो लोगों के लिए काफी सस्ता था। इसमें कमाई बहुत कम थी लेकिन ग्राहकों के लिए एक कंफर्ट जोन था। लोगों ने इसे पसंद किया। उनके चिक शैंपू का नाम धीरे-धीरे पूरे देश में होने लगी। दक्षिण भारत में बनने वाला शैंपू पूरे भारत में बिकने लगा था। इतना ही नहीं ये शैंपू श्री लंका, बांग्लादेश, नेपाल, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में भी बिकने लगा। आज उनकी कंपनी में 4,000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं। उनका ये प्रॉडक्ट जबरदस्त तरीके से मशहूर हुआ। उनके इस प्रॉडक्ट ने उन्हें इतनी सफलता दी कि आज उनकी कंपनी टर्नओवर 1450 करोड़ जा पहुंचा है।