मप्र युवक कांग्रेस के चुनाव का ऐलान | MP NEWS

भोपाल। मप्र में युवक कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव का ऐलान कर दिया गया है। अगले सप्ताह से प्रक्रिया शुरू हो जाएगी और उम्मीद है कि अप्रैल तक मप्र युवक कांग्रेस के पास उसका नया प्रदेश अध्यक्ष होगा। फिलहाल कुणाल चौधरी युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उनका चुनाव 2013 में हुआ था और 2015 में कार्यकाल समाप्त हो चुका है लेकिन नए चुनाव ना होने के कारण अब तक पुरानी कार्यकारिणी ही काम कर रही है। 

लोकसभा अध्यक्ष का पद खत्म
भारतीय युवा कांग्रेस ने अपने संगठनात्मक ढांचे में बदलाव किया है। लोकसभा अध्यक्ष की जगह अब जिलाध्यक्ष चुने जाएंगे। व्यावहारिक कठिनाइयों के चलते लोकसभा अध्यक्ष का पद खत्म कर दिया गया है। साथ ही चुनाव प्रक्रिया में भी आमूलचूल परिवर्तन किए गए हैं। इसमें बूथ स्तर के चुनाव को खत्म कर, अब सीधे विधानसभा, जिला और प्रदेश स्तर की कमेटियों के लिए चुनाव होंगे। 

चुनाव टालने की कोशिश नाकाम
चुनाव प्राधिकरण की मंशा इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले युवा कांग्रेस के चुनाव कराए जाने की है। इधर, मध्य प्रदेश से दिल्ली में सक्रिय नेताओं की कोशिश है कि यह चुनाव फिलहाल टल जाएं और विधानसभा के बाद हों, लेकिन चुनाव प्राधिकरण चुनाव टालने के पक्ष में नहीं है। 

अप्रैल तक हो जाएंगे चुनाव सम्पन्न
मध्यप्रदेश में चार साल बाद युवा कांग्रेस के चुनाव की प्रक्रिया इसी माह शुरू होने जा रही है। उम्मीद जताई जा रही है कि अप्रैल तक प्रदेश को युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष मिल जाएगा। चुनाव कराए जाने के लिए सुमित खन्ना को इलेक्शन कमिश्नर बनाया गया है। सदस्यता अभियान की घोषणा जल्द ही प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव द्वारा की जाएगी। 

दो साल पहले खत्म हो चुका है कार्यकाल 
प्रदेश में अगस्त 2013 में युवा कांग्रेस के चुनाव कराए गए थे, जिसके अनुसार अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों का कार्यकाल दो साल बाद अगस्त 2015 में खत्म होना था, लेकिन चुनाव नहीं होने से अब तक पुराने ही पदाधिकारी काम कर रहे हैं। आईवाईसी इस माह के अंत तक मेंबरशिप की प्रक्रिया शुरू करेगी ताकि जल्द चुनाव कराए जा सकें। 

बूथ से नहीं, विधानसभा से बनाने होंगे सदस्य 
युवा कांग्रेस में नई चुनाव प्रक्रिया के अनुसार बूथ से सदस्य बनाए जाने की प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। नई चुनाव व्यवस्था के हिसाब से 25 प्राथमिक सदस्यों में से एक सक्रिय सदस्य होगा। जो सीधे प्रदेशाध्यक्ष और कमेटी, जिलाध्यक्ष और विधानसभा अध्यक्ष और कमेटी के लिए वोट करेगा। आईवाईसी के आकलन के अनुसार प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें तकरीबन 3 से 4 लाख सक्रिय सदस्य बनने की संभावना है। 

चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने का काम हमारा है। अगले सप्ताह चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी, ताकि समय से चुनाव कराए जा सकें। 
सुमित खन्ना, इलेक्शन कमिश्नर, मध्यप्रदेश 

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