
पुलिस ने सिर्फ मर्ग कायम किया है। यानी अभी तक यह तय नहीं है कि यह मौत आत्महत्या है या हत्या और इसका आरोपी कौन है? अमूमन किसी भी मामले की सीबीआई जांच से पहले एफआईआर दर्ज की जाती है। उधर,सरकार इसी मामले में अशोकनगर एसपी डीएस भदौरिया को पहले ही हटा चुकी है। कोतवाली टीआई बीएस गौर को निलंबित किया जा चुका है। दरअसल, एएसआई रघुवंशी ने फांसी लगाने से पहले सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें टीआई एक एसआई पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। जबकि परिजनों ने एसपी डीएस भदौरिया पर सबूतों से छेड़छाड़ करने के आरोप लगाए थे।
अशोकनगर के बहादुरपुर थाने में पदस्थ एएसआई रघुवंशी ने 23 दिसंबर को सिटी कोतवाली परिसर में रेडियो टावर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस को उनकी जेब से सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा है कि काम के बोझ और टीआई बीएस गौर की प्रताड़ना से वे यह कदम उठा रहे हैं।
एसपी ने दंडित करने की चेतावनी दी थी
एएसआई रघुवंशी के पुत्र गोविंद का आरोप है कि पिता का ट्रांसफर करीब डेढ़ माह पहले कोतवाली से बहादुरपुर थाने हुआ था। उनके पास जो केस डायरियां थीं, वे उन्होंने कोतवाली के पीएसआई रवि कौशल को सौंप दी थी लेकिन जब अधिकारियों के बीच डायरियों का जिक्र हुआ तो कोतवाली टीआई गौर ने डायरियां जमा नहीं कराने का आरोप लगा दिया। इस पर एसपी ने बिना जांच के वेतनवृद्धि रोकने के आदेश दिए। उन्हें दंडित करने की चेतावनी भी दी थी।