नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार (ARVIND KEJRIWAL GOVT) ने एक बड़ा कार्ड खेला है। केजरीवाल सरकार ने एक्सीडेंट विक्टिम स्कीम (ACCIDENT VICTIM SCHEME) को हरी झंडी दे दी है। केजरीवाल कैबिनेट द्वारा पास किए गए एक्सीडेंट विक्टिम स्कीम के तहत दिल्ली में किसी भी तरह के रोड एक्सीडेंट होने पर पीड़ित पक्ष का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए 340 प्राइवेट अस्पतालों (PRIVET HOSPITAL) से समझौता किया गया है। इसके तहत सड़क दुर्घटना में व्यक्ति घायल हो जाए, आग लगने से झुलस जाए या फिर एसिड अटैक पीड़ित हो, दिल्ली सरकार उन्हें अस्पताल तक ले जाने और उनके इलाज का खर्च देगी।
केजरीवाल सरकार की कैबिनेट में ये स्कीम पास हो गई है। इसके बाद इसे एलजी के पास भेजा जाएगा। जैसे ही एलजी इसे हरी झंडी देंगे, ये स्कीम लागू हो जाएगी। इस स्कीम के तहत हादसे के बाद विक्टिम को सिर्फ सरकारी नहीं प्राइवेट अस्पताल में भी ले जाया जा सकेगा, जिसका खर्च सरकार उठाएगी। अब तक पैसे की वजह से लोग हादसे में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाने से कतराते थे। हालांकि, ज्यादातर मामलों में पुलिस या फिर कभी-कभी वहां पर मौजूद लोग पीड़ित को सरकारी अस्पताल पहुंचाते थे, जहां ज्यादा भीड़ होने की वजह से इलाज में देरी होती थी।
इससे पीड़ित व्यक्ति के जान को खतरा हो जाता था लेकिन नए स्कीम के लागू हो जाने के बाद व्यक्ति को बिना किसी परेशानी के प्राइवेट अस्पताल में भी भर्ती करवा सकेंगे, जिसका पूरा खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी। दिल्ली में हर साल करीब 8 हजार एक्सीडेंट होते हैं जिसमें करीब 15 से 20 हजार लोग इसके चपेट में आते हैं। दिल्ली में एक्सीडेंट में दुर्भाग्यवश सालाना 1600 लोगों की मौत हो जाती है।