
राजस्थान के छबड़ा जिले से मध्यप्रदेश के गुना शहर में छुट्टियां बिताने पहुंची मासूम को सैय्यदपुरा मोहल्ले का निवासी (रिश्ते में मौसा) रज्जाक खान अपने साथ बहला-फुसला कर ले गया। अपनी पत्नी से दूर रह रहे आरोपी ने अपनी भतीजी से निकाह करने की रणनीति बनाई और अपनी भतीजी को अपने घर छुट्टियां मनाने ले गए। यहां निकाह का आयोजन किया गया। निकाह के दौरान आरोपी के पिता रहीस शाह सरपरस्त बने तो भाई अब्दुल वकील बन गया। वहीं मासूम के निकाह को कबूलनामे में बदलने वाले इमाम हाफिज जाहिद, आशिक अली और अफसर अली ने मिलकर बच्ची का निकाह पढ़वा दिया।
सब कुछ इतना जल्दबाजी में हुआ की मासूम इसे गुड्डी-गुड़ियों का खेल समझती रही। उसे पता ही नहीं चला कि उसका सचमुच में निकाह हो रहा है। निकाह को जायज दिखाने के लिए आरोपियों ने मासूम की उम्र छिपाते हुए 12 की जगह 18 साल दर्शाई। निकाह के बाद मासूम के साथ क्या कुछ हुआ बताने की जरूरत नहीं। यह सबकुछ 2 माह तक चलता रहा।
जब कई दिनों तक बच्ची घर नहीं लौटी तो मासूम की नानी ने इसकी खबर बच्ची की मां को दी। जिसके बाद राजस्थान से गुना पहुंची बच्ची की मां ने मामले की शिकायत कैंट पुलिस से की। शिकायत के बाद हरकत में आई पुलिस ने आरोपी रज्जाक के घर छापामार कार्रवाई करते हुए पीड़ित नाबालिग को बरामद किया। अपनी मां से मिलने के बाद गले लिपटकर रोटी हुई पीड़िता ने अपनी दुःख भरी दास्तां मां को सुनाई। पुलिस ने पीड़िता के बयान के आधार पर आरोपी के खिलाफ 34 पॉस्को एक्ट समेत विवाह प्रतिषेध अधिनियम की धारा 10, धारा 363, 366, 376, 342 के तहत मामला दर्ज करते हुए जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने उसके साथियों को निकाह पढ़ाने वाले इमाम को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है।