
सीएम शिवराज सिंह की गुजरात में शपथ समारोह से पहले ही वापस हो जाने के कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस का दावा किया है कि केंद्रीय नेतृत्व की फटकार के कारण शिवराज उल्टे पांव लौटे हैं। जब सीएम शिवराज के मुंगावली और कोलारस के दौरा कार्यक्रम पहले से तय थे तब वे अहमदाबाद केवल रूपाणि को गुलदस्ता देने गये थे, बात गले नही उतर रही है। जरूर बड़ी गडबड है।
शपथ ग्रहण समारोह छोड़कर सीएम के अचानक मध्य प्रदेश लौटने पर हर कोई अचंभित है। वहीं शिवराज का कहना है कि उन्होंने रुपाणी से मुलाकात की और उन्हें गुलदस्ता भेंटकर भविष्य की शुभकामनाएं दीं। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से अनुमति लेकर वापस लौटे हैं। पर, सवाल यह है कि रुपाणी को सिर्फ बधाई ही देनी थी तो शिवराज सिंह फोन पर भी दे सकते थे। इसके लिए अहमदाबाद तक जाकर सरकार का लाखों का नुकसान क्यों किया गया।
इधर, यह बात भी सामने आई है कि मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जो कार्यक्रम जारी हुआ था, उसमें भी शिवराज को पहले रुपाणी के शपथग्रहण समारोह में शामिल होना था। उसके बाद उन्हें वापस आकर कोलारस और अशोकनगर में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेना था।
कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी का कहना है कि राज्य सरकार कोलारस और मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव को ध्यान में रखकर पूरा जोर लगा रही है। इन दोनों क्षेत्रों में पूरी ताकत झोंकने के बाद भी बीजेपी की हालत खराब है। कांग्रेस का दावा है कि इस बात की जानकारी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भी है। यही वजह है कि उन्होंने शिवराज को शपथ समारोह शामिल होने के बजाय वापस कोलारस और मुंगावली भेज दिया। उधर, शिवराज ने कहा है कि पहले से तय कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए उन्हें लौटना पड़ा।
बता दें कि कोलारस और मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में 2013 के चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी जीते थे। दोनों सीटों पर विधायकों की असमय मृत्यु की वजह से उपचुनाव होने हैं। चित्रकूट उपचुनाव में बड़े अंतर से हारी बीजेपी अब किसी भी कीमत पर इन इलाकों को हासिल करना चाहती है।