
एक घंटे तक किरण की चीख-पुकार आती रही, फिर बंद हो गई
पुलिस पूछताछ में आदिल ने बताया कि किरण के साथ भागकर उसने शादी की थी। शादी के बाद वह बोकारो स्थित मौसा के घर पहुंचे। मौसा ने फोन कर इसकी सूचना मेरे पिता असगर अली को दी। फिर पिता और मौसा ने हम दोनों से कहा- दोनों का अलग धर्म है। इस लड़की को पहले इस्लाम में दाखिल कराओ फिर शादी कर सकते हो। ऐसा नहीं कर सकते तो लड़की को छोड़ दो। इस पर हम दोनों ने कहा साथ जीवन बिताएंगे। इसके बाद पिता और मौसा ने कहा कि ठीक है, चलो तुम लोगों को राजाबेडा हाॅल्ट छोड़ देते है। वहां से तुमलोग ट्रेन पकड़कर रांची चले जाना।
हमलोगों को पिता और मौसा जंगल के रास्ते से ले जाने लगे। किरण ने कहा कि जंगल के रास्ते से कहां ले जा रहे हैं पापा जी, अगर स्टेशन दूर है तो गाड़ी ले लिए होते। इसपर अब्बा ने किरण से कहा- "जिंदगी काफी बड़ी होती है। बस इतने में ही घबरा गई। आगे बहुत कुछ देखना बाकी है।" इतना कहने के साथ अब्बा ने मुझे पकड़ लिया और मौसा किरण को जबरन खींचते हुए नीचे जंगल की ओर ले गए। एक घंटे तक किरण की चीख-पुकार आती रही, फिर बंद हो गई।
मां बोली-आदिल के परिजनों को पता था सारा मामला
लड़की की मां का आरोप है कि मामला आदिल के पिता और परिजनों को पता था। मेरे पास वे लोग आए थे और पैसे का लालच देकर कहा था कि अपनी बेटी को खोजो लेकिन हमलोगों ने कहा कि आपका बेटा लेकर गया है। आपलोग पता कीजिए। हमलोगों को एक महीने से गुमराह करते रहे।