
स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि मोदी सरकार अपने पुराने वादों से मुकर गई है और जिन चीजों का उत्पादन देश में हो सकता है, उसका भी विदेशों से आयात कर रही है। इसकी वजह से देश की अर्थव्यवस्था चरमराने की नौबत आ गई है। किसानों और व्यापारियों की हालत तो और भी ज्यादा खराब हो गई है। इसलिए सरकार को जगाने और लोगों को स्वदेशी उपयोग के प्रति जागरूक करने के लिए हम दर्जनों संगठनों के साथ विशाल रैली करने जा रहे हैं।
प्रेसवार्ता में किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट ने कहा कि सरकार अपनी नीतियों का भी पालन नहीं कर रही है। उसकी कथनी और करनी में बड़ा फर्क है। हालात यहां तक खराब हैं कि एमएसपी से भी कम दामों पर किसानों के उत्पाद खरीदे जा रहे हैं। सरकार पूंजीवादियों और पैसे वालों के समर्थन में काम कर रही है।
भाजपा किसान मोर्चा भी खुलकर विरोध में आ गया है। भाजपा राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष नरेश सिरोही ने कहा कि हम भाजपा नेता के साथ किसानों के प्रतिनिधि भी हैं और जहां भी उन्हें दिक्कतें आएंगी, हम आवाज उठाएंगे। चाहे किसी भी पार्टी की सरकार हो।
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय महामंत्री युद्धवीर सिंह ने कहा कि देश में किसान सबसे कमजोर कड़ी हैं। किसानों के उत्पाद पर खरीद सुनिश्चित हो। आयात के नाम पर किसानों का नुकसान हो रहा है। जिन चीजों का उत्पादन अपने देश में हो रहा है, सरकार उसका भी आयात कर रही है।