
उसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि टीकमगढ़ में किसान अपनी समस्याओं को लेकर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन पुलिस बिना कसूर के उन पर डंडे बरसाकर उन्हें घायल किया और थाने में कपड़े उतारकर जो मारपीट की गई है, वह सरासर गलत है। क्या अपनी समस्या रखना जुर्म है। इस घटना की उन्होंने निंदा करते हुए अपनी ही सरकार और शासन-प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
हालांकि यह हमेशा ही अपनी सरकार के खिलाफ बयानबाजी कर सुर्खियों में रहते हैं। ज्ञात हो कि किसान आंदोलन के दौरान लाठीचार्ज और पुलिस थाने में बंद कर किसानों की पिटाई के मामले मे जांच पूरी की जा चुकी है। बस अब इंतजार है कि गृह मंत्री किन-किन पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई करते हैं।